खबर लहरिया Blog कृषि पर मंडराया टिड्डियों के हमले का खतरा

कृषि पर मंडराया टिड्डियों के हमले का खतरा

कृषि पर मंडराया टिड्डियों के हमले का खतरा
अभी जब देश अपनी पूरी ताकत लगाकर कोरोना वायरस से उपजी महामारी का मुकाबला करने में लगा है, तब टिड्डी दलों के हमलों ने कुछ इलाकों की परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया है। ऐसा बताया जा रहा है की पाकिस्तान से चला टिड्डी दल भारत के मध्य प्रदेश, उत्तरी गुजरात और राजस्थान के कुछ इलाकों में कोहराम मचा रहा है। टिड्डियों के आतंक से किसान परेशान हैं।
खरीफ फसलों में लगने वाले कीट में एक प्रमुख कीट टिड्डी भी है। इसका प्रकोप बढ़ जाने पर फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है इसकी रोकथाम करना अत्यन्त जरुरी है। यह कीट कम समय में अधिक तेजी से बढ़ता है। कहते हैं कि एक टिड्डी 20 से 100 तक अंडे दे सकती है।निसंदेह किसानों के लिए यह बहुत कठिन समय है। कोरोना वायरस के चलते लागू किए गए लॉकडाउन से बर्बाद हो चुके किसानों के लिए टिड्डियों का हमला आफ़त बनकर आया है।

धान, गन्ना आदि फसलें बचाने की जरूरत

एक झुंड में टिड्डियों की संख्या लगभग एक हजार मिलियन होती है। एक झुंड लगभग 20 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करके प्रतिदिन तीन हजार टन वनस्पति खा सकता है। यह कीट धान, गन्ना, बाजरा, मक्का, तिलहन एवं दलहन आदि फसलों की हरी पत्तियां खाता है। किसानों ने सब्जियों के साथ बरसीम, धान आदि उगाने की तैयारी की है। टिड्डियों का हमला होने की दशा में इन सभी फसलों को बचाने की जरूरत पड़ेगी।
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा सब्जियों, कपास और अन्य फसलों को टिड्डियों के खतरें का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के 16 और मध्य प्रदेश के 15 जिले अभी टिड्डियों के हमले की चपेट में हैं।

 

फिलहाल अभी इसका सबसे ज्यादा प्रकोप मध्य प्रदेश के उज्जैन, मंदसौर, नीमच, आगरा -मालवा, जयपुर और आसपास के अन्य जिलों में है। टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) द्वारा टिड्डी नियंत्रण एवं शोध विषय पर जारी एक डॉक्यूमेंट बताता है कि दुनिया में टिड्डियों की 10 प्रजातियां सक्रिय हैं, इनमें से चार प्रजातियां भारत में समय-समय पर देखी गई हैं। इनमें से सबसे खतरनाक रेगिस्तानी टिड्डी होती है। इस बार जो प्रजाति सक्रिय है, वह रेगिस्तानी टिड्डियां हैं। एक व्यस्क टिड्डी की रफ्तार 12 से 16 किलोमीटर प्रति घंटा बताई गई है। ये टिड्डियां किस कदर नुकसानदायक हो सकती हैं, इसका अनुमान ऐसा लगाया जा सकता है कि इन टिड्डियों का एक छोटा दल एक दिन में 10 हाथी और 25 ऊंट या 2500 आदमियों के बराबर खाना खा सकता है। यह जानकारी न्यूज़क्लिक रिपोर्ट में पब्लिस एक खबर से ली गई है।

https://twitter.com/SRahulM/status/1264917179780206592

जानकारों का कहना है कि एक बार इन टिड्डी दलों को अपनी अगली पीढ़ी तैयार करने का मौका मिल गया तो इन्हें आसपास के राज्यों में फैलने से रोकना लगभग असंभव हो जाएगा और अगले दो-तीन साल तक ये भारतीय खेती का सिरदर्द बनी रहेंगी। किसानों के लिए बेहतर यही होगा की सरकार इसके लिए कोई ठोस कदम उठाये।