खबर लहरिया Blog ओडिशा में दलित लड़की से सार्वजनिक रेप के बाद ज़बरदस्ती खिलाया गया मानव मल

ओडिशा में दलित लड़की से सार्वजनिक रेप के बाद ज़बरदस्ती खिलाया गया मानव मल

ओडिशा के बंगोमुंडा में सामने आये मामले में एक दलित महिला के साथ सार्वजनिक स्थान पर रेप किया गया, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। दोषी ने उसके चेहरे पर मानव मल मला तब भी कोई आगे नहीं आया।

Dalit girl forced to eat human feces after being raped in public in Odisha

बंगोमुंडा थाने की तस्वीर जो बलांगिर जिले में पड़ता है (फोटो साभार – द दलित वॉइस X अकाउंट)

ओडिशा के बंगोमुंडा में एक दलित आदिवासी लड़की के साथ कथित तौर पर खुले में बलात्कार व ज़बरदस्ती मानव मल खिलाने की खबर वायरल हो रही है। द दलित वॉइस नाम के डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म ने 20 नवंबर 2024 को X पर लिखा,

“ओडिशा में एक भयानक घटना घटी, एक अनाथ आदिवासी लड़की पर एक अत्याचारी जाति के व्यक्ति ने हमला किया, सार्वजनिक रूप से बलात्कार किया और मानव मल खाने के लिए मजबूर किया। आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।”

घटना कब की है और इसमें आरोपी कौन है, लड़की की पृष्ठभूमि क्या है, इसकी कोई जानकारी स्पष्ट तौर से सामने नहीं आई है। शेयर की गई वायरल पोस्ट में डाली गई तस्वीर से यह पता चल पा रहा है कि लड़की बंगोमुंडा थाना जोकि बलांगिर जिले में पड़ता है, वहां वह रिपोर्ट लिखवाने गई है और उसके साथ एक महिला भी खड़ी है। लड़की अनाथ है या नहीं जैसा की पोस्ट में लिखा गया है, वह भी साफ़ नहीं है।

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हालांकि, वीडियो के वायरल होने के बाद भी लोगों में या ख़बरों में इसे लेकर कोई संघीनता नहीं देखी गई, जिसे जानकार अब हैरानी भी नहीं होती।

सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस की 2024 रिपोर्ट बताती है कि भारत में प्रतिदिन दलित महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बलात्कार की 10 घटनाएं सामने आती है, लेकिन कितने ही दलित महिलाओं के साथ होने वाले मामले आवाज़ बन पाते हैं?

इस मामले में एक दलित महिला के साथ सार्वजनिक स्थान पर रेप किया गया, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। दोषी ने उसके चेहरे पर मानव मल मला तब भी कोई आगे नहीं आया।

सोशल मीडिया पर वायरल होते वीडियो में युवती पत्रकारों को अपनी स्थानीय भाषा में पूरी घटना के बारे में बता रही है, किस तरह से वह एक जगह से लौट रही थी और उसके साथ किस तरह से यौन हिंसा करते हुए अमानवीय कृत्य किया गया।

यहां मीडिया की पत्रकारिता व सोशल मीडिया पर भी सवाल है कि उनके द्वारा युवती के चेहरे को न तो सही से ब्लर्र किया गया है, न ही छिपाया गया है। कुछ लोग बस सनसनी खबर की तरह से इसे शेयर कर रहे हैं, यह मौलिक बात भूलते हुए कि उनके द्वारा एक व्यक्ति की आत्मीयता, पहचान को उसकी मर्ज़ी के बिना दुनिया के सामने रखा जा रहा है। यह युवती के मौलिक अधिकार का हनन है, उसकी सुरक्षा को खतरे में डालना है।

इस पूरे मामले में बहुत-सी बातें हैं जो साफ़ तौर पर सामने नहीं आई हैं, जैसे कि दोषी कौन है, कितने लोग हैं या एक ही है, घटना कब की है, वायरल वीडियो का स्त्रोत क्या है, पुलिस इसमें क्या कर रही है, रिपोर्ट लिखी भी गई है या नहीं इत्यादि।
यहां जो सबसे स्पष्ट है, वह यह है कि एक दलित आदिवासी युवती के साथ खुले में बलात्कार किया गया है, उसे मानव मल खिलाया गया है। यह स्पष्टत्ता काफी है, आरोपी को पकड़ने के लिए, आवाज़ उठाने के लिए, मांग करने के लिए जो दलित महिलाओं के साथ होने वाले मामलों में शांत हो जाते हैं, अमूमन!

 

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