एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि पत्रकार संघ के अध्यक्ष अनीश द्विवेदी, राम सिंह राणा, डीपी सिंह और प्रतीक गुप्ता समेत चार लेखपालों और पत्रकार के पड़ोस में रहने वाले एक सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) सैन्यकर्मी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
लेखन – सुचित्रा
यूपी के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की शनिवार 8 मार्च 2025 को गोली मारकर हत्या कर दी गई। राघवेंद्र बाजपेयी हिंदी दैनिक जागरण में संवाददाता के रूप में काम कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, उनकी हत्या की वजह भूमि विवाद बताई गई है। इस मामले में पूछताछ के लिए 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है जिसमें 4 लेखपाल भी शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना शनिवार 8 मार्च 2025 को यूपी के इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के हेमपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास ओवरब्रिज पर हुई। जानकारी के अनुसार, यह घटना तब हुई जब 35 वर्षीय राघवेंद्र बाजपेयी पत्रकार मोटरसाइकिल से जा रहे थे, तभी अचानक अज्ञात मोटरसाइकिल सवार ने उन्हें घेर लिया और गोलियां चलाई। पुलिस के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 4 गोलियां लगने की पुष्टि हुई है।
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4 लेखपाल सहित 8 लोग हिरासत में
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सीतापुर के एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि पत्रकार संघ के अध्यक्ष अनीश द्विवेदी, राम सिंह राणा, डीपी सिंह और प्रतीक गुप्ता समेत चार लेखपालों और पत्रकार के पड़ोस में रहने वाले एक सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) सैन्यकर्मी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
पत्रकारों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कई पत्रकारों ने कल रविवार 9 मार्च 2025 को 6 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया। इसमें सीतापुर, शाहजहाँपुर, बरेली, सुल्तानपुर, बहराईच और बाराबंकी जिलों में पत्रकार संघों ने न्याय की मांग की।
पत्रकार के परिवार से मिले नेता
इस घटना के बाद कई नेता जिसमें भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा, यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय और अपना दल (कमेरावादी) विधायक पल्लवी पटेल पत्रकार घर सवेंदना व्यक्त करने पहुंचे।
धान खरीद और जमीन की खरीदारी से जुड़ी खबर करने की वजह से हत्या की आशंका
पत्रकार के परिवार ने पुलिस को बताया कि बीते कुछ दिनों में राघवेंद्र बाजपेयी ने सीतापुर की महोली तहसील में धान खरीद और जमीन खरीद में स्टांप चोरी की गड़बड़ी को उजागर करने की कोशिश की थी। इस वजह से पिछले 10 दिनों से जान से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं।
इस तरह की घटना पत्रकारों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। पत्रकारों के भीतर एक डर पैदा करती है जो ईमानदारी से समाज में फैले भ्रष्टाचार की सच्चाई को उजागर करना चाहते हैं। जो पत्रकार ऐसे गंभीर मुद्दों का खुलासा करना चाहते हैं उनकी हत्या कर दी जाती है, ताकि पत्रकारों को कमजोर किया जा सके और उन्हें इस तरह से ईमानदारी से पत्रकारिता करने से रोका जा सके।
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