ज़मीनी स्तर पर रिपोर्टर को रिपोर्टिंग करने के दौरान क्या-क्या करना पड़ता है, आज हम इसपर एक नज़र डालेंगे। खबर लहरिया की रिपोर्टर सुमन, “मेरी सुबह 5:00 बजे हो जाती है। उठने के बाद मैं अपने सारे काम करती हूं। खाना बनाना बाकि भी घर के सारे काम। इस स्टोरी के लिए मुझे सुबह 7:00 बजे ही निकलना पड़ा। शूटिंग की जगह तक मुझे दो ऑटो चेंज करने पड़े। दूसरे ऑटो वाले ने मुझे गलत जगह पर उतार दिया था जिसकी वजह से मुझे 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।
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पहले मुझे एक लकड़ी का पुल मिला जिस पर चलने पर मुझे थोड़ी दिक्कत हो रही थी फिर थोड़ा आगे बढ़ी तो जंगल जैसा देखने को मिला और फिर उसके बाद मुझे ईंट-भट्ठा मिल गया। आखिरकार इतनी मेहनत के बाद मैं ईंट-भट्ठे पर पहुँच ही गई। मज़दूरों की दिनचर्या को जाना, जो हमारी स्टोरी में आपको बखूबी दिख जाएगा।
किसी ने कहा की वह पिछले 4 महीने से गया जिले से आकर यहाँ पर काम कर रहे हैं तो किसी ने अकेले आने की कहानी बताई। महिलाएं व बच्चे भी दिनभर धूप व छांव देखे बिना काम करते हैं, यह सब भी जाना। वीडिओ में देखिएगा और बताइयेगा कैसे लगा आपको यह ब्लॉग।
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