खबर लहरिया Blog मजदूरी से ज्यादा अच्छा लगता है सब्जियों की खेती करना

मजदूरी से ज्यादा अच्छा लगता है सब्जियों की खेती करना

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिला,ब्लाक महरौनी गांव कुआधोषी के प्यारे लाल कुशवाहा लगभग 30 साल से सब्जी की खेती करते है और खुशी से अपना परिव पालते हैं|

प्यारे लाल कुशवाहा का कहना है कि सब्जी कि खेती में मेहनत तो होती है सुबह से शाम तक उन्ही पौधों की सेवा में लगे रहना होता है और बच्चों जैसे सब्जियों के उन पौधो की देखभाल करना पडता है| समय समय पर खाद पानी गोडाई-रुपाई करनी पडती है| पर ये उनका पुस्तैनी काम है जिस तरह से वह लोग अपने बाग कि देखभाल करते है और सब्जी उगाते है| वह हर किसी के बस की बात नही है जबकि आज के समय में तो हर कोई काछियों के इस सब्जी उगाने वाले धंधे को करने लगे है| उनका कहना है कि इस समय उनके बाग में आलू टमाटर गोभी सेम लोकी गाजर आदि जैसी सभी तरह की सब्जियां लगी हैं|


वह हर समय मौसम के हिसाब से अलग अलग तरह कि सब्जियां उगाते है और सब्जी कि खेती में काम करना उन्हे अच्छा लगता है और इसी से पुरे परिवार का घर खर्च चलता है| जैसे अभी जो सब्जी लगी है| वह सब्जी गर्मियों तक बिकेगी| लेकिन लडके बहू से लेकर पुरा परीवार इसी किम में लगा रहता है| क्योंकि ज्यादा जमीन औ दुसरा कोई धंधा तो है नहीं और परिवार में 12 लोग हैं छोटे बड़े से लेकर जिसका खर्च भी संभलना है और सब्जी ही एक ऐसी खेती जो बारह महीने कर सकते हैं अलग अलग सीजन के हिसाब से इस लिए ये खेती करने में बड़ी खुशी महसूस होती है और
सब्जी भी नहीं खरीदनी पड़ती खुद ताजी और पौष्टिक सब्जियां खाते हैं और बाजार में बेचते हैं| जिससे लोग भी इन ताजी और पौष्टिक सब्जियों का मंजा ले सकें| हर सोमवार को दुकान महरौनी में बाजार लगती है तो वहाँ सब्जी बेचने जाते है|


क्योंकि ये उनका पुस्तैनी काम भी है जिसको जीवित रखना उन्हें जरुरी है और उनकी पहचान भी साथ ही दुसरो की मजदूरी से अच्छा है कि वह लोग अपना ही काम पसंद करते हैं|
और खेती के साथ साथ बच्चों का स्कूल भी हो जाता हैं और खेती में हाथ भी बटाते है|