अपराधी नेताओं के चुनाव लड़ने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट ने दो टूक कहा है कि संसद, राजनीति में अपराधियों को आने से रोके।
कोर्ट ने इसके साथ ही संसद पर कानून बनाने की जिम्मेदारी छोड़ी और साफ किया कि अगर उम्मीदवार दोषी करार हुए, तभी उनके चुनाव लड़ने पर बैन लगेगा। कोर्ट का कहना था कि किसी भी हालत में व्यवस्था भ्रष्टाचार का शिकार न बने।
फैसले के दौरान कोर्ट ने बताया कि राजनेताओं को अपने आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा देना जरूरी होगा। सभी पार्टियों को इस बारे अपनी वेबसाइट पर जानकारी भी अपलोड करनी पड़ेगी।
बता दें कि दागी राजनेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसमें याचिकाकर्ता ने कोर्ट में गुहार लगाई थी कि जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय हों और पांच साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान हो तो उन्हें चुनाव न लड़ने दिया जाए।
कोर्ट के अनुसार, उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टी को आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में व्यापक स्तर पर चीजें सार्वजनिक करनी होंगी। उन्हें बड़े स्तर पर प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र में इस संबंध में विज्ञापन छपवाना होगा। नामांकन दाखिल करने के बाद तीन बार यह काम करना जरूरी होगा।
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