अपराधियों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री के लिए भारत अब तैयार है। साथ ही भारत दुनिया का 9वां देश बन जाएगा जहां इस तरह का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। भारतीय रजिस्ट्री में दोषी यौन अपराधी का नाम, फोटोग्राफ, घर का पता, उंगलियों के निशान, डीएनए सैम्पल्स, पैन कार्ड और आधार कार्ड होगा।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस डेटाबेस में 4.5 लाख मामले हैं, जिसमें पहली बार के अपराधी और बार–बार के अपराधी की भी प्रोफाइल है। इसे देश भर के जेलों से इकट्ठा किया गया है। इससे यह पता लगेगा कि वह समुदाय के लिए कितने खतरनाक है।
रिपोर्ट में एक अन्य सूत्र के हवाले से लिखा है, इस डेटाबेस को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा मेंटेन(व्यवस्थित) किया जाएगा। इसे कानून प्रवर्तन एजेंसियां अलग–अलग उद्देश्य से प्रयोग करेंगी।
बता दें कि इस तरह की रजिस्ट्री इससे पहले ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देश करते हैं। इन देशों में भी ये सिर्फ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए ही तैयार किया गया है।
भारत की इस रजिस्ट्री में 15 साल के कानून खतरनाक केस, 25 साल तक के मध्यम खतरे और बार–बार दोषी ठहराए जाने वाले, हिंसक अपराधियों, गैंगरेप के दोषियों और संरक्षण में बलात्कास के दोषियों का पूरी जिंदगी केस रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि आगे चलकर इसमें नाबालिक दोषियों को भी शामिल किया जाएगा।
बता दें कि इस तरह के डेटाबेस को तैयार करने का निर्णय इस साल अप्रैल में लिया गया था, जब जम्मू कश्मीर के कठुआ सहित कई जगह से नाबालिगों से रेप सहित रेप के दूसरे मामले तेजी से आने लगे थे।