कोरोना महामारी का कहर ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। 2021 की शुरुआत में जहाँ धीरे–धीरे चीज़ें वापस साधारण होना शुरू हो गयी थी और लोगों के जीवन पटरी पर लौट रहे थे, वहीँ पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों ने वापस से रफ़्तार पकड़ ली है। मुंबई, बैंगलोर, पुणे जैसे शहरों के कुछ छेत्रों में 15 दिन के लॉकडाउन की भी घोषणा कर दी गई है।
इसी सब के चलते दिल्ली सरकार ने भी कोरोना के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए एक अहम फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने पांच राज्यों से दिल्ली आ रहे लोगों को कोविड-19 की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाकर ही दिल्ली में प्रवेश लेने का फैसला लिया है। इन पांच राज्यों में महाराष्ट्र, केरेला, छत्तीसगढ़, पंजाब और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
Travellers from Maharashtra, Kerala, Chhattisgarh, Madhya Pradesh and Punjab will need a negative coronavirus test report to enter #Delhi from 26th February till 15th March
— ANI (@ANI) February 24, 2021
27 फरवरी से 15 मार्च तक नियम रहेगा लागू-
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले कुछ दिनों से इन पांच राज्यों में ही सबसे ज़्यादा कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। दिल्ली सरकार के मुताबिक़ इन पांच राज्यों से हवाई यात्रा,रेल यात्रा और बस यात्रा करके जो यात्री दिल्ली आना चाह रहे हैं, उन्हें आरटी–पीसीआर परीक्षण की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार आज ही इससे सम्बंधित एक आदेश जारी करेगी और 27 फरवरी से इस रूल को लागू कर 15 मार्च तक इसे प्रभावी रखेगी।
बताते चलें कि कई अन्य राज्यों ने भी दूसरे प्रदेशों या कोरोना वायरस से प्रभावित छेत्रों से यात्रा कर आ रहे यात्रियों के लिए कोविड -19 परीक्षण को बॉर्डर पर दिखाना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही लॉकडाउन, मास्क न पहनने पर फाइन आदि जैसी कड़ी सख्तियां भी लागू कर दी हैं।
2021 में उम्मीद थी कि कोरोना महामारी से मिलेगी निजात-
कोरोना महामारी का प्रभाव कम होता दिख ही नहीं रहा है। बीते साल कोरोना महामारी के चलते साल भर सब ठप्प पड़ा रहा। लोगों की नौकरियों के साथ-साथ दुनिया भर में करोड़ों जानें चली गयी। जैसे ही नया साल शुरू हुआ था, लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें अब शायद ऐसी महामारी का सामना वापस से नहीं करना पड़ेगा लेकिन कोविड-19 ने फिर से अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए हैं।
वैक्सीन आने के बावजूद संक्रमण का खतरा काम नहीं हो रहा-
जहाँ ऐसी उम्मीदें लगायी जा रही थीं कि कोरोना की वैक्सीन आने के बाद इस बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वैक्सीन आए भी महीने बीत गए लेकिन फिर भी कोरोना का प्रभाव देश भर में बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं जिसमें जिन स्वास्थ्य कर्मियों या लोगों को वैक्सीन लगी है, वो कुछ दिन बाद ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
लोगों का मानना है कि अब तो उन्हें वैक्सीन लगवाते भी डर लग रहा है, कि कहीं वो भी उसके बाद कोरोना पॉजिटिव ना हो जाएं। देखा जाए तो कोरोना की दुनिया भर में आयी जितनी भी वैक्सीन हैं, कोई भी अभी तक बिलकुल प्रभावशाली नहीं साबित हुई है। और पिछले महीने इंग्लैंड (यूके) में तो कोविड-19 का एक नया प्रकार ही सामने आया था जिसके प्रभाव को रोकने के लिए कई देशों ने इंग्लैंड से आने वाली सभी हवाई उड़ानों को वर्जित कर दिया था।
भारत में भी कोरोना का अब वापस से सामुदायिक संक्रमण देखने को मिल रहा है। बंगलुरू के कई छेत्रों में एक साथ एक ही बिल्डिंग में 100 से ऊपर कोरोना से संक्रमित लोग पाए गए हैं। पुणे, मुंबई और इंदौर में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
दिल्ली में नवंबर के बाद से कोरोना का प्रभाव तो कम हुआ है लेकिन सरकार इस समय कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है और इसी के चलते ये फैसला लिया गया है।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।