जिला बांदा में एक ही परिवार के तीन सदस्यों के हत्या के मामले में पुलिस अभी तक घटना के मास्टरमाइंड सोमचन्द्र को नहीं पकड़ पायी है। यह मारने वाले चचरे भाई देवराज का साला है यानी उसकी पत्नी का भाई। सोमभद्र के ऊपर पहले से भी कई मुकदमे चल रहे है और वह बैंक में चोरी करने की वजह से जेल भी जा चुका है। इस समय सोमभद्र की पत्नी शंकुन्तला समेत तीन अन्य महिलाओं को हत्या के मामले में शामिल होने की वजह से पकड़ा गया है। पुलिस लगातार आरोपियों के रिश्तेदारों और दोस्तों के घर में छापेमारी कर रही है। मामले को लेकर सीबीआई की जांच भी बिठाई गयी है।
मरने वाले सभी लोगों का मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद अंतिमसंस्कार कर दिया गया गया। मृतकों में एक पुलिस कर्मी का सिपाही भी था, जिसे अंतिमसंस्कार के दौरान अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
मामले में है 17 आरोपी
मृतक के बड़े भाई सौरभ सिंह की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मामले में तेज़ी दिखाई है। पुलिस द्वारा हत्या के मामले में 17 लोगों का हाथ बताया जा रहा है। जिसमें दो लोगों की पहचान अभी साबित नही हई है। फिलहाल, मृतक के चचेरे भाई सहित 10 लोगों को गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया गया है। बाकी सात लोगों की पुलिस को अभी भी तलाश है।
यह है आरोपियों के नाम
नामजद अभियुक्तों में मृतक अभिजीत का चचेरा भाई देवराज का साला सोमचंद्र, उसकी पत्नी शकुंतला और मां मछला, धर्मेंद्र और उसकी पत्नी शिववती, शिवराज का बेटा धरमवीर, चचेरे भाई देवराज का बेटा भगवानदीन और उसकी पत्नी रज्जो,चचेरा भाई सुरेश उर्फ बब्लू ,चचेरा भतीजा राज उर्फ गोपी पुत्र देवराज, रामशरण, कामता और रोहित का बेटा सुखदेव तथा दो अज्ञात व्यक्ति शामिल है।
इस दिन हुई थी घटना
घटना 20 नवंबर की शुक्रवार की रात की है। जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों ( माँ, बेटी, बेटा) की हत्या की गई थी। पुलिस के अनुसार चचेरे भाइयों ने आपसी मनमुटाव के चलते इस घटना को अंजाम दिया। हत्या की रिपोर्ट कालू कुआं चौकी में करायी गयी।
घटना से पहले पुलिस को दी थी विवाद की सूचना
मृतक के बड़े भाई का आरोप है कि जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन वह दोपहर में विवाद की शिकायत करने के लिए कालू कुआं चौकी गया था। लेकिन चौकी के दीवान राजा सिंह ने उसे डांटकर भगा दिया था। वह कहता है कि अगर पुलिस उस समय उसकी बात सुन लेती तो शायद उसके परिवार के साथ यह घटना नहीं होती।
मामले के बाद थाना इंचार्ज को किया गया बर्ख़ास्त
23 नवंबर सोमवार को बांदा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा ने परिवार की हत्या के मामले में कालू कुआं के चौकी इंचार्ज राजेश मिश्रा को लापरहवाही बरतने के लिए बर्ख़ास्त कर दिया हैं। साथ ही राजेश मिश्रा की जगह इंद्रजीत नाम के व्यक्ति को थाने का इंचार्ज बनाया गया है।
थाना प्रभारी के अलावा अन्य तीन लोगों पर हो रही है कार्यवाही
मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी पुलिसकर्मियों की जाँच का ज़िम्मा शहर के सीइओ अजय प्रताप सिंह भदौरिया को दिया गया था। जिसमें सभी पुलिस वालों के बयान लिए गए। साथ ही मंगलवार 24 नवंबर को चौकी इंचार्ज राजेश मिश्रा के बाद दीवान राजा सिंह, सिपाही आशुतोष एवं राहुल को भी पद से बर्ख़ास्त कर दिया गया । पुलिस निरीक्षक सिद्धार्थ सिंह मीणा ने कहा कि इस मामले में वह पुलिस निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह पर भी मामले में लापरवाही बरतने के लिए कार्यवाही कर रहे हैं।
पुलिस द्वारा किसी भी मामले में इस तरह से लापरवाही बरतना, कोई पहली बार नहीं है। कई बार पुलिस समय से पहुंचकर मामले का निपटारा करती है, तो कई बार वही पुलिस मामले की रिपोर्ट तक नहीं लिखती। ऐसे में एक आम व्यक्ति के पास क्या विकल्प है? अगर पुलिस उसकी बात नहीं सुनती तो उस वक़्त वह क्या कर सकता है।