नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी दिन मंगलवार को 2012 से चल रहे निर्भया कांड के मामले के आरोपियों को डेथ वारंट जारी करते हुए आरोपियों को फांसी की सजा का आदेश दिया|
बता दूं की निर्भया कांड बहुत पूराना और चर्चित मामल है| जिसको कभी भी नहीं भुलया जा सकता| यह मामला 16 दिसंबर 2012 की रात एक चलती बस में 23 साल कि डाक्टरी की पढाई करने वाली लडकी का है| जिसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ और फिर उसे बुरी तरह घायल करके बस के बाहर सडक पर फेंक दिया गया था| इस घटना ने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया था| इस घटन के 90 दिन बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने चारो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी| लेकिन 26 दिसंबर 2012 को इलाज के दौरान सिंगापुर माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल में उस लडकी की मौत हो गई और एक आरोपी राम सिंह ने जेल में ही फांसी लगा कर खुदकशी कर ली| तब से ये मामला दिल्ली कोर्ट में चल रहा था|निर्भया सामूहिक बलात्कारः दोषी नाबालिग रिहाhttps://twitter.com/PriyankaJShukla/status/1214548213035716609
जब ये दिल दहला देने वाला कांड हुआ तो लोगों बहुत जोरों में उस लडकी को न्याय दिलाने के लिए और आरोपियों के फांसी की मांग के लिए सडक पर आए और अवाज उठाई धरने दिए लेकिन कुछ नहीं हुआ| पीडित परिवार आये दिन कोर्ट के चक्कर लगता रहा| निर्भया कांड के बाद कई और कानुन बने निर्भया फन्ड बना लेकिन इन 8 सालो तक वह केश ऐसे ही चलता रहा और उसके बाद से आए दिन इस तरह कि घटनाए बढती रही| अब जा के उस सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में दिल्ली की अदालत ने चारों आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी कर 22 जनवरी को सुबह तिहाड जेल में फांसी देने का आदेश दिया है|
कोर्ट के आदेश के बाद निर्भया कि मां ने कहा कि इन आरोपियों के फांसी के बाद लोगों का कानून में विश्वास बढेगा| हलाकि आरोपियों के पास उपचारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटिशन) दायर करने का विकल्प खुला है| ये याचिका फांसी की सजा होने के एक दिन पहले भी सुप्रीम कोर्ट म दायर की ज सकती है|
India’s daughter gets JUSTICE after 85 months
Justice Delivered and Served
Justice may be delayed, but not deniedDeath warrant issued in #Nirbhaya Gangrape & murder case
All four to be hanged on Jan 22 at 7am #nirbhayaverdict pic.twitter.com/rSM7k3YpmC— Dhruvil Gajjar (@meggi_07) January 7, 2020
सुत्रो की माने तो चारों आरोपियों को फांसी जेल नंबर 3 में दी जाएगी| लेकिन अभी चार में से तीन आरोपियों को जेल नंबर 2 और एक को जेल नंबर 4 में रखा गया है और प्रसाशन आरोपियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए मेरठ के जल्लाद से संपर्क करेगी| लेकिन जब अदालत में बहस चल रही थी तभी विपक्ष के वकील ने कुछ दिन का समय मांगा और याचिका दायर करने कि प्रक्रिया जारी कर दी है| इन सब चीजो को देखते हुए ऐसा लगता है कि क्या फैसला हो पाएगा| य इसी तरह मामला लटका रहे गा|
लेकिन मेरे हिसाब से जिस तरह से फांसी देने की बात चल रही हैं वह क्या ठीक है| य फिर जो हमारे देश में इतने शक्त कानुन बने है| उनको और किस तरह से उसे मजबूत किया जा सकता है| इसपर विचार करने की जरुरत है| क्या जिस तरह से फांसी का आदेश हुआ है| उससे इन घटनाओ में रोक लगेगी| जिस तरह से आए दिन ये मामले बढ रहे है और कानुन के रखवाले अलग अलग पैतरा अपना रहे है| ये एक बडा सवाल है की जब किसी लडकी के साथ इस तरह की घटनाए होती है तब क्यों नहीं इन मामलों में जल्दी सुनवाई होती है क्यों पुरी तरह से कानून का पालन किया जाता और मामलों को दवाने के लिए ऐसे केशो में गवाह सबूत मांगे जाते है और मामुली धाराए लगा दी जाती है| जिससे जो गरीब और अशिक्षित लोग है वह न्याय के लिए भटकते रहते है| अगर यही नियम कानून गंभीरता से लागू कर दिए जाए तो आरोपियों के हौंशले जो बुलंद हो रहे है उनमें रोक लगाई जा सकती है फांसी देने का सवाल ही नहीं उठता|
-रिपोर्टर गीता देवी