खबर लहरिया ताजा खबरें सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सरकार राफेल मामले में नहीं है शामिल

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सरकार राफेल मामले में नहीं है शामिल

साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे के चलते अदालत में पेश की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ये भी बताया कि फ्रांस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते समय सरकार ने सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया था। और साथ ही में फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू जेट सौदे में बहु-अरब डॉलर में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई अवसर नहीं है।

भारतीय न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के खंडपीठ ने कहा कि विमान की जरूरत और विमान की गुणवत्ता पर संदेह नहीं किया जा सकता और न ही इस मामले में विस्तृत जांच की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट का ये भी कहना है कि “राफेल जेट सौदे में खरीद, मूल्य निर्धारण और ऑफसेट पार्टनर जैसे मुद्दों की जांच को हमारे अनुसार इस मामले में पर्याप्त नहीं माना गया है।”

सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला वकील एमएल शर्मा, विनीत धन और आप नेता संजय सिंह द्वारा दायर की गई कई याचिकाओं के जवाब में पेश किया गया है, जिन्होंने इस मामले में अदालत द्वारा जांच की मांग की थी।

भारतीय वायुसेना के उपकरणों की उन्नयन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में भारत ने 36 रफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए, खुदको फ्रांस के साथ एक समझौते में जोड़ा था। सौदे की अनुमानित लागत 58,000 करोड़ रुपये है।

राफेल जेट, सेनानी फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी डेसॉल्ट एविएशन द्वारा एक जुड़वां इंजन माध्यम बहु-भूमिका मुकाबला विमान (एमएमआरसीए) के ज़रिये निर्मित किया गया है।