खबर लहरिया Blog चित्रकूट: ‘जल जीवन मिशन योजना’ से नहीं मिल पाया जल, तो क्यों भरे लोग बिल?

चित्रकूट: ‘जल जीवन मिशन योजना’ से नहीं मिल पाया जल, तो क्यों भरे लोग बिल?

“टोटी वाला नल देखने के लिए लगा है। आज 1 साल से पानी नहीं आ रहा है, पानी के लिए हम लोग इधर-उधर भटकते हैं। पानी के लिए 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। एक घर में 25 डिब्बा पानी लगता है और हैंड पंप का पानी गन्दा निकलता है। इस गंदे पानी को पीने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। पानी पीने से तरह-तरह की बीमारी फैलती है जैसे -सर्दी, जुकाम, बुखार, डायरिया हो जाता है।”

घर में लगी टंकी की तस्वीर जिसमें पानी नहीं आता (फोटो साभार: सुनीता)

रिपोर्ट- सुनीता, लेखन – सुचित्रा 

‘जल जीवन मिशन योजना’ की शुरुआत साल 2019 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य साल 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पानी का कनेक्शन देना था लेकिन क्या सच में इस योजना के तहत किया गया लक्ष्य पूरा हो पाया है? तो इसका जवाब है नहीं। क्योंकि आज भी यूपी के ऐसे कई गांव है जहां पानी का कनेक्शन तो है लेकिन पानी नहीं है। ऐसी ही स्थिति है यूपी के चित्रकूट जिले के मऊ ब्लॉक स्थित गोइया कला गांव के पटेरी मजरे की, जहां पिछले एक साल से सप्लाई वाला पानी नहीं आ रहा है। पानी न होने की वजह से लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के ग्रामीण पानी न आने से बहुत परेशान है।

टोटी (नल) बस दिखावे के लिए

यहां रहने वाली अंकिता का कहना है कि, “टोटी वाला नल देखने के लिए लगा है। आज 1 साल से पानी नहीं आ रहा है, पानी के लिए हम लोग इधर-उधर भटकते हैं। पानी के लिए 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। एक घर में 25 डिब्बा पानी लगता है और हैंड पंप का पानी गन्दा निकलता है। इस गंदे पानी को पीने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। पानी पीने से तरह-तरह की बीमारी फैलती है जैसे -सर्दी, जुकाम, बुखार, डायरिया हो जाता है।”

पानी नहीं तो बिल क्यों?

यहां के लोगों का कहना है कि हर महीने 50 रुपए पानी का बिल आता है लेकिन जब पानी ही नहीं आता तो हम बिल क्यों जमा करें? कुछ ने बिल जमा किया है तो भी पानी नहीं आया है।

पानी न आने से घर के काम में होती है देरी

अंकिता का कहना है कि जल जीवन मिशन योजना के तहत यहां पानी की सप्लाई शुरू हुई थी, लेकिन अब एक साल से पानी नहीं मिल रहा। घरों में पानी के पाइप और टोटियां तो लगी हैं, लेकिन पानी नहीं आता। घर में महिलाओं को साफ़ सफाई के लिए, खाना बनाने के लिए, नहाने कपडे धोने आदि कामों में अक्सर पानी न होने की वजह से देर हो जाती है। कोई भी काम समय पर और जल्दी नहीं हो पाता है।

पानी की सप्लाई होने पर लोग थे बहुत खुश, अब छा गई उदासी

सुमन ने भी अपनी परेशानी साझा की। उन्होंने कहा कि जब यहां सप्लाई पानी आया था, तो गांव के लोग बहुत खुश हुए थे। उसके बाद स्थिति यह है कि एक साल से पानी की कोई सप्लाई नहीं है। ठंड के मौसम में पानी कम इस्तेमाल होता है लेकिन पानी की समस्या गर्मी के दौरान और भारी बढ़ जाती है। गर्मियों में पानी का इस्तेमाल और भी अधिक होता है, क्योंकि पीने, खाना बनाने, नहाने और जानवरों को पानी पिलाने के लिए पानी की जरूरत होती है।

संसद टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जब जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई तब केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण परिवारों के पास ही नल से पानी का कनेक्शन था। इस मिशन के तहत 6 अक्टूबर 2024 तक लगभग 11.95 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से जल की सुविधा दी गई है जिसमें कुल 15.19 करोड़ से अधिक परिवारों को इसका लाभ मिला है। आप संसद टीवी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में देख सकते हैं।

सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ें आखिर कितने सच्चे हैं। यदि यह आंकड़ें सच है तो आज भी ग्रामीण लोग पानी के लिए क्यों तरस रहे हैं। कई बार ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों से गुजारिश की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उनका कहना है कि जब तक सप्लाई पानी नहीं आता, तब तक वे बिल क्यों भरें?

जल आपूर्ति ऑपरेटर का बयान

वहीं, जल आपूर्ति ऑपरेटर गोमती का कहना है कि पटेरी गांव के पाइप टूट गए थे, जिनकी मरम्मत की जा रही है। जैसे ही मरम्मत हो जाएगी, पानी की आपूर्ति फिर से शुरू हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग घरों में पाइप खोले हुए हैं, जबकि कुछ घरों में पानी की सप्लाई हो रही है।

जल जीवन मिशन योजना के जेई बिन्यवासी ने बताया कि कुछ स्थानों पर लोग टोटी नहीं लगाते, जिससे पानी बर्बाद हो जाता ह। पानी बर्बाद होने से बाकी गांवों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती। उनका कहना है कि जल्द ही इस समस्या को हल कर दिया जाएगा, ताकि गांव के सभी घरों में पानी की आपूर्ति हो सके।

यह स्थिति चित्रकूट के गांवों में जल आपूर्ति की गंभीर समस्या को उजागर करने के साथ ही सरकार के झूठे आंकड़ों को भी बयान करती है। अगर सुविधा का लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुँच पा रहा है तो बिल भरना क्या सही है? जल जीवन मिशन योजना को लेकर उनके उम्मीदें कब पूरी होंगी, यह एक बड़ा सवाल बन गया है। सरकार ने योजना तो शुरू कर दी है लेकिन क्या सच में इन योजनाओं का विस्तार हुआ है? क्या सच में अब पानी घर घर पहुँच गया है? अब घर के बाहर लगी टंकी का भी क्या इस्तेमाल जब उसमें पानी ही नहीं आ रहा है?

 

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