हैल्लो कैसे है सब ? माना ये मुश्किल वक्त है क्योंकि कोरोना ने तो मानो तांडव ही मचा रखा है लेकिन घबराने की जरुरत नहीं है क्योकि ऐसा बिलकुल नहीं है कि कोरोना हो गया तो अब बचेंगे नहीं क्योकि सावधानी नाम की भी एक चिड़िया है जो बड़े काम की होती है। तो आज हम जानेंगे इस बिमारी में इस्तेमाल होनी वाली
2 महत्वपूर्ण यंत्रो के बारे में. और इसका नाम है थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर अब आप सब को ये बताने की जरुरत तो नहीं कि ये दोनों क्या बला है क्योकि इस महामारी ने बहुत कुछ सीखा दिया है फिर भी एक बार हम विस्तार से जान लेते हैं कि थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर है क्या और काम कैसे करता है ?
थर्मामीटर: शरीर के तापमान मापन करने वाले यंत्र को तापमापी या थर्मामीटर कहते है। ये कई तरह के होते हैं। आपने देखा होगा कुछ डिजिटल तो कुछ नोर्मल मतलब कुछ में नंबर दीखते हैं तो कुछ के नहीं।
अब आते हैं ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीमीटर: ऑक्सीमीटर एक छोटे से डिवाइस का नाम है जो खून में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल और ऑक्सीजन लेवल की जानकारी देता है. जिसे सीधे शब्दों में हम ये कह सकते हैं कि आपकी सांसें सामान्य है या नहीं। इस डिवाइस में लगा सेंसर खून में ऑक्सीजन के जरा से बदलाव को भी डिजिटल स्क्रीन पर दिखा देता है. डिवाइस को उंगली में क्लिप की तरह फंसाया जाता है. इसके बाद इसमें लगा सेंसर खून में ऑक्सीजन के प्रवाह की जानकारी देता है. मतलब आप अच्छे से साँस ले पा रहे हैं या नहीं। क्योंकि जिंदगी की डोर तो सांसों से ही बंधी होती है. अब हमने ये जान लिया कि थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर क्या है और कैसे काम करता है लेकिन हमारा काम यहीं पर ख़तम नहीं होता बल्कि शुरू होता है.
मान लीजिये आपको कोरोना हो गया है वैसे मैं चाहती नहीं हूँ कि किसी को हों पर मेरे चाहने से कुछ होता तो आज हम इस महामारी की चपेट से कब के निकल गए होते खैर हम वापस रियलिटी मतलब ख्यालों से बाहर आते हैं और पता करते हैं कि बीमार होने पर क्या करें। तो हमें हर 4 घंटे पर चेक करना है बुखार भी और ऑक्सीजन लेवल भी इसके लिए एक चार्ट बनाये जिससे आपको याद भी रहे और जब डॉक्टर को बटन हो कि पिछले कुछ दिनों से क्या स्थिति थी तो वो भी आसानी से बता सकते हैं. तो आपको हर 4 घंटे पर चेक करना है अगर बुखार 99-100 के बीच रहता है तो ठीक है मतलब चिंता की कोई बात नहीं है लेकिन अगर लगातार 102 -103 मतलब तेज़ बुखार है तो सावधान होने कि जरुरत है लेकिन अगर हर बार 99-100 है और एक दो बार तेज़ बुखार तो घरेलु उपचार और सावधानी बरतें इसलिए भी ये चार्ट बहुत जरुरी है कब हॉस्पिटल जाय ? मतलब खतरें की घंटी कब बजती है।
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