खबर लहरिया ताजा खबरें राहुल गाँधी के भाषण पर हुआ विवाद, राहुल गाँधी ने कहा, “सच्चाई मिट नहीं सकती”

राहुल गाँधी के भाषण पर हुआ विवाद, राहुल गाँधी ने कहा, “सच्चाई मिट नहीं सकती”

लोकसभा में राहुल गाँधी ने अपने भाषण के अंशो को हटाए जाने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा। राहुल गाँधी ने जवाब देते हुए कहा कि सच्चाई मिटाई नहीं जा सकती। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने हिन्दुओं का अपमान किया है। भाषण को लेकर बाद में विवाद खड़ा हो गया।

विपक्ष के नेता (कांग्रेस नेता) राहुल गाँधी की शिव जी की अभय मुद्रा बनाते हुए की तस्वीर

लोकसभा की कल सोमवार 1 जुलाई को बैठक हुई जिसमें कांग्रेस और विपक्ष के नेता ने भाषण दिया जिसे लेकर सत्ता पक्ष में हलचल मच गई। संसद के बाहर आज मंगलवार 2 जुलाई को राहुल गाँधी ने मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि “मोदी जी की दुनिया में सच्चाई को मिटाया जा सकता है लेकिन हकीकत में सच्चाई को मिटाया नहीं जा सकता है। जो मैंने कहा और जो मुझे कहना था मैंने कह दिया, वह सच्चाई है, अब उन्हें जो मिटाना है मिटाएं।” भाषण पर विवाद बढ़ जाने के बाद राहुल गाँधी के दिए गए भाषण के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया था। इसका वीडियो एएनआई ने सोशल मीडिया X पर शेयर किया।

https://x.com/AHindinews/status/1808013760973484479

लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और विपक्ष के नेता ने अपने भाषण के हिस्सों पर हटाए जाने पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में लिखा कि “यह देखकर स्तब्ध हूं कि जिस तरह से मेरे भाषण के काफी हिस्से को निष्कासन की आड़ में कार्यवाही से हटा दिया गया है…मेरी सुविचारित टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा देना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।”

राहुल गाँधी ने अपने पहले भाषण के हटाए गए अंशों को वापस लाने के लिए अनुरोध किया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर यह भी आरोप लगाया कि चुनिंदा तरीके से हटाए गए अंश है। उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए पत्र में लिखा, “मैं अनुराग ठाकुर के भाषण की ओर भी ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जो आरोपों से भरा था, हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से केवल एक शब्द हटाया गया है! आपके प्रति पूरे सम्मान के साथ, यह चुनिंदा विलोपन तर्क को चुनौती देता है।”

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, “मैं 2 जुलाई की लोकसभा की बिना सुधारी गई बहस के प्रासंगिक अंश संलग्न कर रहा हूं। मैं यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए अंश नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं। मैं सदन में जो संदेश देना चाहता था, वह जमीनी हकीकत है, तथ्यात्मक स्थिति है। सदन का प्रत्येक सदस्य जो अपने द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले लोगों की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है। सदन में लोगों की चिंताओं को उठाना प्रत्येक सदस्य का अधिकार है।”

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “राहुल गांधी को सभी हिंदुओं को हिंसक बताने वाली अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।”

बयान जिस पर चर्चा जारी

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कल लोकसभा में भाषण दिया जिसमें उन्होंने कहा – “आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए और सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए या उससे डरना नहीं चाहिए।” हिन्दू धरम में साफ़ लिखा है कि सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए, डरना नहीं चाहिए, अहिंसा हमारा प्रतीक है।हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय को खत्म करने की बात कही है। शिवजी भी कहते हैं कि निडर रहो, अभय मुद्रा दिखाते हैं , अहिंसा का प्रचार करते हैं….।”

लोकसभा में अब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों आमने-सामने हैं। संसद का भाषण किसी के लिए उचित है तो वहीँ किसी के लिए अनुचित। राहुल गाँधी ने अपने भाषण में अहिंसा की बात पर जोर दिया। राहुल गाँधी के इस भाषण पर कि “आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए और सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए या उससे डरना नहीं चाहिए। जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं।” इस भाषण पर बवाल हो गया जिसे बाद में हटा दिया गया।

 

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