खबर लहरिया ताजा खबरें कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल हुआ अन्ना प्रथा का मुद्दा

कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल हुआ अन्ना प्रथा का मुद्दा

अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में गौ रक्षा और अन्ना प्रथा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। पिछली भाजपा सरकार से अलग निति बनाकर, उन्होंने राज्य में गौशाला निर्माण और गौ रक्षा के पहलु को अहमियत दी है। सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस ने गौशाला बनाने के पहलु को अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया है।

गोपालन मंत्री प्रमोद भाया के अनुसार “हमारे सभी शास्त्रों में कहा गया है कि सभी देवी-देवता गौ-माता में निवास करते हैं। लेकिन गौ-माता ही इस समय मुश्किलों से जूझ रही है। अन्ना प्रथा काफी बड़ा मुद्दा है, जिसके लिए आवश्यक व्यवस्था करना और बढ़ावा देना ही हमारी नैतिक जिम्मेदारी है”।

जिसके चलते प्रमोद ने हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में अन्ना प्रथा के मुद्दे को सभी के समक्ष पेश किया है। अब वह जल्द ही जयपुर में सभी पंजीकृत गाय आश्रयों का सम्मेलन आयोजित करने की योजना भी बना रहे हैं।

“गाएं जब दूध देना बंद कर देती हैं तो उन्हें कोई स्वीकार नहीं करता है। सभी केवल गाय के ज़रिये अपना लाभ ही देखते हैं। इसलिए हम सम्मेलन में इस सवाल पर सामाजिक कार्यकर्ताओं और संतों से बातचीत कर सुझाव लेने की उम्मीद कर रहे हैं”, ऐसा प्रमोद का कहना है।

आने वाले विधानसभा चुनाव के चलते भाजपा सरकार को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने अन्ना प्रथा जैसे मुद्दे को सामने लाने का फैसला लिया है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में गाय आश्रयों के लिए अनुदान बढ़ाने, अत्याधुनिक सुविधाएं सुनिश्चित करने और अन्ना जानवर की समस्या को हल करने व स्थानीय नस्लों के लिए संरक्षण प्रदान करने का भी वादा किया है।

कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, भले ही वसुंधरा राजे सरकार ने गोपालन मंत्रालय की स्थापना की, गहलोत ने 2013 के अपने राज्य के बजट में गौसेवा निदेशालय को शामिल करने का फैसला लिया है। जिसके चलते  उन्होंने राज्य में पंजीकृत गौ आश्रयों के लिए एकमुश्त 145 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की है। अप्रैल, मई और जून के महीनों में पशुओं के लिए चारा सब्सिडी प्रदान करने के लिए 801 राज्य गाय आश्रयों की मदद करने पर 83.8 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।