नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने ही बयान को लेकर बुरे फंसे हैं दरअसल ओली ने भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद वह अपने ही देश में विवादों में घिर गये हैं। नेपाल के कई नेताओं ने खुलकर ओली के इस बयान का विरोध किया है। नेपाली सोशल मीडिया में बहुत से लोग उनके बयान का ना सिर्फ़ मज़ाक बना रहे हैं, बल्कि लिख रहे हैं कि ‘उन्हें ऐसी टिप्पणी से बचना चाहिए’ था।
Real Ayodhya lies in Nepal, not in India. Lord Ram is Nepali not Indian: Nepali media quotes Nepal Prime Minister KP Sharma Oli (file pic) pic.twitter.com/k3CcN8jjGV
— ANI (@ANI) July 13, 2020
केपी शर्मा ओली ने दावा किया कि भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण किया है। जबकि, असली अयोध्या नेपाल में है। ओली पहले कह चुके हैं कि भारत उनको सत्ता से हटाने की साजिश रच रहा है। ओली ने सवाल किया कि उस समय आधुनिक परिवहन के साधन और मोबाइल फोन (संचार) नहीं था तो राम जनकपुर तक कैसे आए? उन्होंने कहा कि हमलोग आज तक इस भ्रम में हैं कि सीता का विवाह जिस राम से हुआ है, वह भारतीय हैं। वह भारतीय नहीं बल्कि नेपाली ही है। जनकपुर से पश्चिम में रहे बीरगंज के पास ठोरी नामक जगह में एक बाल्मिकी आश्रम है, वहां के ही राजकुमार राम थे। बाल्मिकी नगर नामक जगह अभी बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले में है, जिसका कुछ हिस्सा नेपाल में भी है।
भारत में ही अयोध्या: नरेंद्र गिरि
भगवान राम और अयोध्या पर की गई विवादित टिप्पणी के मामला ने तूल पकड़ लिया है। भारत में संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नेपाल के पीएम के बयान पर आपत्ति करते हुए विशाल प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इसके अलावा अखाड़ा परिषद ने नेपाल की सड़कों पर प्रदर्शन का ऐलान भी किया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि ओली का दावा निरर्थक और बेबुनियाद है। अयोध्या भारत में और उत्तर प्रदेश में है। इसके तमाम ऐतिहासिक प्रमाण हैं। उन्होंने ओली पर चीन के हाथों खेलने का आरोप लगाते हुए भारत विरोधी करार दिया है।
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि नेपाल चीन के हाथों में खेल रहा है और भारत के खिलाफ गलत बयानबाजी कर रहा है।
गिरी ने नेपाल के प्रधानमंत्री को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने देश को विनाश की तरफ ले जा रहे हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री चीन के बहकावे में आकर भारत से लगातार संबंध खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर हो रहा विरोध
ओली के इस दावे पर नेपाल में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”किसी भी प्रधानमंत्री के लिए इस तरह का आधारहीन और अप्रामाणित बयान देना उचित नहीं है। ऐसा लगता है कि पीएम ओली भारत और नेपाल के रिश्ते और बिगाड़ना चाहते हैं, जबकि उन्हें तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए।“
नेपाल के लेखक और जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक कनक मणि दीक्षित ने ट्वीट किया है, “भगवान राम का जन्म कहाँ हुआ और अयोध्या कहाँ है, ऐसी पौराणिक बातों पर विवाद खड़ा करना पीएम ओली की मूर्खतापूर्ण कोशिश है ।अभी तो सिर्फ़ भारत सरकार के मन में मौजूदा स्थिति के कारण कड़वाहट है। इससे लोगों में भी फूट पैदा हो सकती है.”
It was folly for PM Oli to wade in and raise controversy on the placement of Ayodhya, home of the mythological Lord Ram. This creates a schism with a section of India’s population when earlier it was only with the Indian Government.https://t.co/GlwJ7qY4Jn
— Kanak Mani Dixit (@KanakManiDixit) July 13, 2020
वरिष्ठ पत्रकार धरूबा एच अधिकारी ने भी किया ट्वीट
उन्होंने लिखा है, “ओली की पार्टी का नाम है कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल। नाम में ‘कम्युनिस्ट’ लगा है, कम्युनिज़म यानी साम्यवाद धर्म को नहीं मानता. ओली ने जब शपथ ली थी तो उन्होंने भगवान का नाम लेने से मना कर दिया था। जब पीएम मोदी ने जनकपुर में पूजा की, तो ओली ने नहीं की । लेकिन ऐसे समय ओली को राम और अयोध्या की चिंता हो रही है। हैरानी की बात है ।“
अयोध्या नहीं, पाकिस्तान में जन्मे थे भगवान राम?
आपको बता दे की भगवान् श्रीराम के जन्म को लेकर बयान आते रहते हैं। कुछ महीनों पहले ये मामला आया था की अयोध्या नहीं पाकिस्तान में हुआ था भगवान् का जन्म। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य अब्दुल रहीम कुरैशी ने अपनी किताब में भगवान राम के जन्म के बारे में नया दावा किया है। किताब में चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। दावे के मुताबिक भगवान राम का जन्म अयोध्या नहीं, बल्कि नॉर्थ-वेस्ट इंडिया में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान है।
कुरैशी ने ‘फैक्ट्स ऑफ अयोध्या एपिसोड (मिथ ऑफ राम जन्मभूमि)’ शीर्षक से किताब लिखी है। किताब में उन्होंने लिखा है कि भगवान राम का जन्म भारत के अयोध्या में नहीं, बल्कि डेरा इस्माइल खान में हुआ था जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान में है
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