बोलेंगे बुलवाएंगे, हंस के सब कह जाएंगे के इस एपिसोड में हमने बात की घर के चिराग के बारे में। घर का चिराग बेटे को ही माना जाता है, लेकिन ऐसा क्यों है? जबकि आज के ज़माने में लड़कियां भी लड़कों से पीछे नहीं हैं, चाहे वो पढ़ाई-लिखाई या नौकरी की बात हो या फिर बुढ़ापे में माँ-बाप का सहारा बनने की। लड़कों से ज़्यादा लड़कियां हर फील्ड में अपना योगदान दे रही हैं।
लेकिन फिर भी क्यों आज भी अपने घर का चिराग बेटे को मानते हैं? इसी बात का पता लगाने के लिए देखिये बोलेंगे बुलवाएंगे, हंस के सब कह जाएंगे का ये एपिसोड।
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