यूपी पुलिस ने हाथरस में छापेमारी के दौरान मसालों में मिलावट करने वाली कंपनी का खुलासा किया है। 14 दिसंबर सोमवार की रात को यूपी पुलिस ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा व राष्ट्रीय रक्षा कोष की टीम के साथ कंपनी में छापेमारी की थी। कंपनी हाथरस कोतवाली के सदर इलाके नवीपुर में चल रही थी।
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यह था कंपनी का संचालक
पुलिस के मुताबिक कंपनी का संचालक अनूप वार्ष्णेय नाम का व्यक्ति कर रहा था। जो कि हिंदू युवा वाहिनी का उप मंडल प्रभारी है। हिन्दू युवा वाहिनी संस्था की शुरूआत यूपी के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा साल 2002 में शुरू की गयी थी।
छापेमारी में मिली थी मिलावट की ये चीजें
छापेमारी के दौरान पुलिस ने बताया कि उन्हें कंपनी में गधे की लीद, भूसा,अखाद्य हानिकारक रंग के अलावा एसिड से भरे ड्रम मिले। बरामद मिलावटी मसालों में पिसा धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी और गर्म मसाला पाया गया। पुलिस के अनुसार कंपनी में बड़ी मात्रा में मिलावटी चीजें थी, जिसे की मसालों को बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा था।
अलग–अलग ब्रांडों के मिले कई पैकेट
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि मसालों को कुछ स्थानीय ब्रांडों के नाम पर पैक किया जा रहा था और छापेमारी में उन्हें 300 किलोग्राम से अधिक नकली मसाले मिले। कंपनी में अलग–अलग ब्रांड के करीब 1000 खाली पैकेट और करीब 100 पैकेट भरे हुए मसालें पाए गए। जब पुलिस द्वारा कंपनी के संचालक अनूप वार्ष्णेय से बन रहे मसालों के ब्रांडों के लाइसेंस और उससे जुड़े दस्तावेज़ मांगे, तो वह कोई भी कागज़ात नहीं दिखा पाया। जिसके बाद क्षेत्रीय एसडीएम द्वारा कंपनी को सील कर दिया गया है।
27 से अधिक नमूनों को भेजा जांच के लिए
अनूप वार्ष्णेय पर पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा 151 ( खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006) के तहत प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज़ की जाने की उम्मीद बतायी जा रही है। फिलहाल, अनूप वार्ष्णेय को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है। पुलिस द्वारा 27 से अधिक नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। लैब की रिपोर्ट में मिलावट साबित होने के बाद खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कंपनी संचालक पर एफआईआर दर्ज़ की जाएगी।
इस तरह से करें नकली और असली मसालों की पहचान
हल्दी
हल्दी के रंग में और निखार लाने के लिए उसमें मक्के का आटा, पीले रंग का चूरा, सीसा क्रोमेट आदि चीजें मिलाई जाती हैं। शुद्ध हल्दी पहचाने का सबसे आसान तरीका यह है कि एक चम्मच हल्दी पाउडर को आधे ग्लास पानी में मिलाकर 20 मिनट तक छोड़ दें। अगर हल्दी नीचे बैठ जाए और पानी साफ दिखे तो हल्दी शुद्ध है।
– इसके अलावा हल्दी में थोड़ा सा कंसंट्रेटेड हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पानी की कुछ बूंदे डालें। यदि यह गुलाबी हो जाए तो हल्दी में मैटेलिक पाउडर की मिलावट है।
– कांच के ग्लास में हल्दी और कुंछ बूंदे हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पानी मिलाएं। अगर बुलबुले निकलें तो हल्दी में चॉक पाउडर की मिलावट की गयी है।
लाल मिर्च पाउडर
एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर को एक ग्लास पानी में डालें। अगर रंग में कोई मिलावट होगी तो पानी रंग बदलने लगेगा। अगर ग्लास के नीचे सफेद रंग का चिकना पाउडर इकट्ठा हो जाए तो मिर्च में सोप स्टोन की मिलावट है। ईंट की मिलावट जांचने के लिए मिर्च पाउडर को ग्लास के निचले हिस्से में घिसने पर किरकिराहट होने लगेगी।
सौंफ
मिलावटी सौंफ आसानी से नरम या कड़वे स्वाद से पहचानी जा सकती है। अल्कोहल मिली सौंफ ताजी दिखती है और इसमें 1 से दो प्रतिशत तेल होता है। भाप वाली सौंफ गहरे रंग की दिखती है। इसमें थोड़ा सा तेल होता है और यह पानी से भारी होती है। सौंफ में अविकसित या फफूंदी वाली सौंफ की मिलावट की जाती है। साथ ही इसमें चमकीले हरे रंग के मैलाइकाइट भी मिलाए जाते हैं।
सरसों के बीज
सरसों के बीज में आर्गेमोन के बीज मिलाए जाते हैं। लेकिन बारीकी से देखकर इनमें अंतर किया जा सकता है। सरसों के बीज चिकने होते हैं और आर्गेमोन के बीज मोटे, दानेदार और काले रंग के होते हैं। सरसों के बीज को दबाने से बीज में पीला रंग दिखेगा, जबकि आर्गेमोन के बीज में यह काला होता है।
दालचीनी की महक
दालचीनी में आमतौर पर बहुत सस्ती कैसिया छाल मिलाई जाती है। दालचीनी की छाल बहुत पतली होती है। इसकी महक अलग होती है। कैसिया की छाल कठोर और मोटी होती है। इससे कभी किसी भी प्रकार की खुशबूदार गंध नहीं आती। इसके अलावा इसमें अमरूद की छाल भी मिलाई जाती है। इसे अपने हाथ पर रगड़ कर देखें, अगर रंग नजर आए तो यह असली है।
जीरा पाउडर
जीरा पाउडर में चूरे की मिलावट होती है। इसे पहचानने के लिए एक ग्लास पानी में एक चम्मच जीरा पाउडर डालें। चूरा या बुरादा तैरता रहेगा और जीरा पाउडर घुल जाएगा। वहीं शुद्ध साबुत जीरा में लकड़ी के कोयले की धूल आदि मिलाई जाती है। इसकी पहचान के लिए जीरा को एक हाथ पर रखें और दोनों हथेलियों से रगड़ें। यदि हथेली पर रंग लग रहा है तो मिलावट है। धनिया की पहचान भी इसी तरह कर सकते हैं। जीरे की पहचान के लिए इसे कुछ घंटे पानी में भिगो दें, असली जीरा नरम पड़ जाएगा और खूशबू देगा।
काली मिर्च
एक ग्लास पानी में कुछ काली मिर्च के दाने डालें। यदि पपीते के बीच मिले हैं तो वह पानी में तैरते रहेंगे।
मिलावटी मसालें से हो सकती हैं ये बीमारियाँ
???? हल्दी में मिलावट
नुकसान – कैंसर की संभावना
???? लाल मिर्च पाउडर
नुकसान – पेट खराब
???? काली मिर्च
नुकसान – पेट और लिवर से संबंधित रोग की आशंका।
????पिसी धनिया
नुकसान – पेट और लिवर रोग।
इन सब बीमारियों के अलावा भी मिलावटी मसालों के लगातार उपभोग से कई और खतरनाक बीमारियां भी हो सकती हैं। शिशुओं में विकास की कमी होना भी मिलावटी चीजों के इस्तेमाल की एक वजह है। आज हर व्यक्ति ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए चीजों में मिलावट करता है ताकि कम लागत में उसे ज़्यादा फायदा हो। सरकार द्वारा मिलावट करके बेचने वाली कंपनियों और लोगों पर कड़ी नजर रखने की ज़रूरत है। मिलावटी मसाले हर व्यक्ति के जीवन को अस्वस्थ करने के लिए काफ़ी है। इसलिए लोगो को नकली और असली मसालों में पहचान कर पाना भी ज़रूरी हो गया है।
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