कोरोना तेज़ी से अपना पैर पसार रहा है 16 जून तक भारत में कोरोना मरीजों की कुल संख्या 3,43,091 हो गई है। इनमें से 1,53,178 एक्टिव केस हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना से मरने वालों का कुल आंकड़ा 9,900 हो गया है। इतने मरीज़ों को देखते हुए कई विद्यालय और कॉलेज को क्वारंटीन और आइसोलेशन सेंटर बनाया जा रहा है। नोएडा क्षेत्र में एकेजी, आरकेजी, आईएमएस जैसे कई कॉलेज और हास्टलों को क्वारंटीन और आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। इसी तरह लखनऊ में पहले बीबीडी फिर एसआर जैसे कॉलेज क्वारंटीन सेंटर बने। यही हाल कई बड़े जिलों का है। नोएडा क्षेत्र के कॉलेजों पर तो अब अस्पताल बनाने का दबाव है।ऐसे छात्रों के लिए परेशानी बढ़ रही है.
16 जुलाई से इंजिनयरिंग की परीक्षा होने वाली थी । विश्वविद्यालय को कॉलेज कोरोना के चलते क्वारंटीन या आइसोलेशन सेंटर बने हैं। इससे विश्वविद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाने में काफी दिक्कत हो रही है। ऐसे में वह अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है।
विश्वविद्यालय द्वारा इस बार कोरोना को देखते हुए कुछ अधिक कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाना था। वहीं विद्यार्थियों को दिक्कत न हो इसलिए कुछ अच्छे व बड़े कॉलेजों को सेल्फ सेंटर बनाने का भी प्रस्ताव था, लेकिन जब विश्वविद्यालय ने इन्हें केंद्र बनाने शुरू किये तो बच्चों को बड़ा झटका लगा।यही वजह है कि आधा जून बीतने को है और अभी तक सेंटर नहीं फाइनल हो सके हैं। जून के अंत तक इसमें कुछ कॉलेज फ्री भी होते हैं तो सैनिटाजेशन के लिए कम से कम 10-15 दिन का समय चाहिए
प्रो. राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक, एकेटीयू के अनुसार कोरोना की वजह से परीक्षा आयोजित करने में कई तरह की दिक्कत हो रही है। काफी संख्या में बड़े कॉलेज क्वारंटीन या आइसोलेशन सेंटर बने हैं। इससे परीक्षा केंद्र नहीं फाइनल हो पा रहे हैं। विश्वविद्यालय परीक्षा के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। जल्द कोई ठोस निर्णय होने की उम्मीद है