हैदराबाद में 1 दिसंबर को पंचायती चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाजपा और एआईएमआईएम पार्टी एक–दूसरे के सामने खड़ी है। चुनाव के प्रचार–प्रसार के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 28 नवंबर को हैदराबाद पहुंचे। इसी दौरान सीएम योगी ने कहा कि जब यूपी में फैज़ाबाद और इलाहबाद, अयोध्या और प्रयागराज हो सकते हैं तो हैदराबाद भी दोबारा भाग्यनगर हो सकता है। सीएम योगी के चुनाव प्रचार के दौरान उनके पार्टी के लोगों के हाथ मे “चेंज हैदराबाद नेम” के पोस्टर्स भी देखने को मिल रहे थें।
सीएम योगी ने मौजूदा सरकार पर लगाया आरोप
सीएम योगी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी और एआईएमआईएम पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सीएम योगी का कहना है कि हैदराबाद की जनता को 1 दिसम्बर के दिन यह बता देना चाहिए कि वह लूट की छूट नहीं देंगे। वह आगे कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार ने 35 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया। वह पूछते हैं कि केसीआर सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को मिलने वाली राशि, जनता के सीधे खाते ने क्यों नही दी।
सीएम योगी तेलंगाना की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि यहां की सरकार और कॉर्पोरेशन में जो लोग बैठे हैं उनका विकास से कोई वास्ता नहीं है।
ओवैसी ने सीएम योगी पर किया पलटवार
एआईएमआईएम पार्टी के नेता ओवैसी ने कहा कि भाजपा का मकसद सिर्फ हैदराबाद का नाम बदलना है। यह चुनाव भाग्यनगर बनाम हैदराबाद है। वह सीएम योगी पर निशाना साधते हुए यह भी कहते हैं कि, ‘वो हमें फिरकावाराना कहते हैं तो ये बताइए हमने हिंदुओं को टिकट दिया है, अब बीजेपी बताए कि उसने कितने मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। बीजेपी का मकसद सिर्फ हैदराबाद का नाम बदलना है। ये भाग्यनगर बनाम हैदराबाद है।“
150 सीटों पर होंगे चुनाव
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के 150 सीटों पर पार्टियों द्वारा चुनाव लड़ा जा रहा है। पिछले चुनाव में टीआरसी पार्टी ( तेलगांना राष्ट्र समिति) को 99 सीटें मिली थीं। वहीं ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को सिर्फ 44 सीटें ही मिली थीं और बीजेपी सिर्फ चार सीटें ही जीत पायी थी।
सभी नगर निगमो से बड़ा है ग्रेटर हैदराबाद
अभी होने वाले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव को 2023 तेलंगाना विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल–मलकजगिरी और संगारेड्डी शामिल हैं।
इस पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र और तेलंगाना के 5 लोकससभा सीटें आती हैं। कहा जा रहा है कि इसी वजह से चुनाव में सभी पार्टियों द्वारा पूरी जान झोंकी जा रही है।
इसके अलावा इस नगर निगम का सालाना बजट लगभग साढ़े पांच हजार करोड़ का है। तेलंगाना की जीडीपी ( सकल घरेलू उत्पाद) का बड़ा हिस्सा यहीं से आता है। यहां की आबादी लगभग 82 लाख लोगों की है।
सभी पार्टियों द्वारा चुनाव जीतने के लिए एक–दूसरे पर कड़े आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन चुनाव जनता की सेवा से ज़्यादा आपसी मनमुटाव के लिए होता दिखाई दे रहा है कि कौन ग्रेटर हैदराबाद के सबसे बड़े नगर निगम का सत्ताधारी बनेगा। आने वाले 4 दिसंबर को मतदान की गिनती होनी है। जिसके बाद कौन सत्ता में आता है और कौन नहीं, यह बात भी साफ़ हो जाएगी।