जिला बांदा| इस वर्ष भी जिले में नहरों के साफ-सफाई के लिए डेढ़ करोड़ से ज्यादा का बजट कब आएगा और इसमें जिले की 145 नहरों की सफाई होगी| शासन की तरफ से नहरों की सफाई के लिए 30 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई थी| अभी भी बहुत से रह रहे गंदगी से भरी पड़ी हुई है| इस पर जब हमने कवरेज किया और किसानों से जाना तो उनका कहना था कि शासन कितना बजट खर्च करती है और किस तरह से सफाई करवाती है यह तो उन्हें नहीं पता लेकिन हां सफाई कार्य शुरू है लेकिन वह एक नाम मात्र के लिए है अगर मैं बात करूंगा माइनर की तो वहां पर सफाई की गई है और फीता काटकर शिलान्यास भी किया गया और वाहवाही लूटी सफाई कैसे हुई है|
यह हमने कवरेज के दौरान देखा और किसानों से बात की तो उनका कहना था जहां तक अधिकारियों की नजर पड़ती है वहां तक मैहर का 48 वा घर सफाई करवा दी गई है| बाकी की नहर उसी तरह गंदगी से भरी पड़ी हुई है में गंदगी होने से हम लोगों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता और कचरे के कारणों में पानी भी कचरा भी घुस जाता है इसलिए उनको काफी दिक्कतें होती हैं और सिंचाई ना होने के कारण उनकी पैदावार बाधित हो जाती है|
इसी तरह पचोखर गांव के किसानों का कहना था कि यह बांदा ब्रांच की जो बड़ी नहर है उसकी नाली है जिससे लगभग 500 बीघे की सिंचाई होते हैं पर यहां कई सालों से सफाई नहीं हुई और मोड से पुलिया भी टूटी है जिस कारण उनको पानी नहीं मिल पाता भगवान भरोसे ही वह रह जाते हैं और सिंचाई के लिए उन्हें देखते हैं आते हैं अगर नहरों की सफाई हो जाए और पुलिया बन जाए तो उनको पाने के लिए बहुत ही आराम हो जाएगा जबकि वह बाकी वगैरह सब भरते भले ही सींच नहीं लगती|
सितारे आए दिन लहरों की गंदगी और जगह-जगह छोटी परियों के कारण किसान परेशान हैं और सिंचाई के लिए तरसते रहते हैं विभाग से शिकायत करते रहते हैं जो किसानों का यह भी कहना है कि उन्होंने कई बार कोई सुनवाई नहीं होती किसानों की अरविंद कुमार पांडेय केन नहर अधिशासी अभियंता बांदा के द्वारा बताया गया कि शासन से नहरों की सफाई के लिए बजट पास हो गया है और 30 नवंबर तक के लिए सफाई की तिथि दी गई है लेकिन उनकी कोशिश होगी कि दिसंबर के महीने तक सभी नहरों की सफाई हो जाए