चित्रकूट : अस्पताल में डिलीवरी के दौरान महिला की मौत हो गयी। डिलीवरी के समय डॉक्टर में अस्पताल भी नहीं थे। रोशनी (मृतिका) की हालत बेहद खराब हो गयी। परिवार वाले लगातार मदद के लिए डॉक्टर के घर का दरवाज़ा खटखटाते रहें। अस्पताल के सीएमएस के घर का दरवाज़ा भी खटखटाया लेकिन कोई भी बाहर नहीं आया।
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मृतिका की बुआ सास सुमन त्रिपाठी ने बताया कि वह महिला के साथ पूरे 9 महीने रहीं। डॉक्टर बोलते थे कि सब नार्मल है। बंधना मैडम का ज़िक्र करते हुए सुमन ने कहा कि उसने ही रोशनी का अल्ट्रासाउंड किया और दवा देती थीं।
रात के 3 बजे महिला की डिलीवरी हुई। महिला का दर्द रुक नहीं रहा था। डिलीवरी के पहले उसे 4 इंजेक्शन लगाए गए थे। नर्स भी बस खड़े होकर देख रही थीं। इसके बाद रोशनी की जान चली गयी।
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कर्वी के सी. एम. एस राजेश खरे से खबर लहरिया ने मामले को लेकर बात की। उनके अनुसार, जांच के लिए टीम बना दी गयी है। दस लोगों का बयान लिया गया है। उन्होंने यह बात की साफ़ की कि किसी ने उनके घर का दरवाज़ा नहीं खटखटाया है। जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी।
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