उत्तर-प्रदेश सरकार भले ही दावा कर रही हो की उसने प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए तमाम काम किये हैं, लेकिन चित्रकूट जिले की सड़कें आज भी मरम्मत के आभाव में टूटी-फूटी ही पड़ी हैं।
जिला चित्रकूट,ब्लॉक मऊ और रामनगर के गांव हन्ना बिनैका, मंडौर, रेडी भूसौली रोड की स्थिति आज भी बदतर नजर आ रही है। पूरी सड़क पानी से भारी हुई है जिसपर चलने से लोग फिसल-फिसलकर गिरते हैं। सड़क में बने बड़े-बड़े गड्ढ़े पानी से भर जाते हैं जिससे समझ नहीं आता कहाँ गड्ढा है और कहाँ समतल सड़क। जिस वजह से आये दिन एक्सीडेंट होता रहता है।
लगभग 25 गाँव का है आवागमन
वियावल गाँव के दिनेश और अनीता का कहना है कि दिनभर में लगभग हजारों वाहन निकलते हैं, लगभग पांच हजार लोग निकलते हैं फिर भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रही है। जो लोग साइकिल से जाते हैं उनपर चारपहिया वाहन से छींटे पड़ जाते हैं जिससे उनके कपड़े खराब हो जाते हैं इस वजह से भी झगड़ा हो जाता है।
रामबाबू और रूची ने बताया कि गाँव में नाला, नाली नहीं बनी है जिससे लोगों के घरों का पानी भी सड़क पर ही आता है उसकी गंदगी भी सड़क पर ही जमा होती है। इसमें कुछ किया भी तो नहीं जा सकता क्योंकि जबतक सरकार पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं कराएगी तो फिर बहेगा ही। बिना बारिश के ही बारिश जैसा पानी भरा रहता है तो बरसात में क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यही एक सड़क है जिससे लोग मऊ बाजार करने जाते हैं लेकिन पानी भरा होने से दुकानदारी करना मुस्किल हो रहा है।
मरीज नहीं पहुँच पाते अस्पताल
मीना और माया का कहना है कि पिपरौध तिराहा से हन्ना बिनैका तक लगभग पांच किलो मीटर सड़क इस तरह से खराब हैं की बरसात के सीजन में पानी भरा रहता है। जिससे मरीजों को भी अस्पताल ले जाने में देरी हो जाती है। मऊ क्षेत्र में ऐसी कई गांव की सड़क इसी हालत में हैं जिससे बरसात में निकलना काफी मुश्किल हो जाता है।
क्या कहते हैं पीडब्ल्यूडी अधिकारी?
वीरेन्द्र प्रताप सिंह पीडब्लूडी अधिकारी का कहना है कि सभी के घर का पानी पूरी सड़क पर ही बहता है जिससे सड़क जल्दी ख़राब हो जाती है। एक साल के अन्दर ही पूरी सड़क ख़राब हुई है। जैसे ही बजट आयेगा तो सड़क और नाला बनवाया जायेगा।
मऊ मानिकपुर विधायक आनंद शुक्ला के प्रतिनिधि वीरेन्द ने बताया कि उन्होंने अपने तरफ से कई सड़क को अपने तरफ कार्ययोजना में डाला है। जैसे पास होगी सड़क गढ्ढा मुक्त कराया जायेगा। मऊ के पास मैदाना तिराहा तक नाला भी बनवाया जायेगा तभी समस्या का समाधान होगा। और यह काम बजट आते ही जल्द कराया जाएगा।
सड़क में जानलेवा गड्ढों में आए दिन गिरकर लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन गजब की लापरवारी है। प्रशासन के नाक नीचे होने के बाद भी जिम्मेदारों ने आँखें मूंद ली हैं। कोई जिये या मरे, कोई न कोई बहाना बनाकर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ना तो यहां का चलन हो गया है। ऐसा नहीं है कि सड़क के ये जानलेवा गड्ढे अचानक हो गए हैं और जिम्मेदारों को इनकी खबर नहीं है। विडम्बना तो यह है कि जिन पर इन गड्ढ़ों की मरम्मत की जिम्मेदारी है वे अधिकारी भी इन्हीं गड्ढ़ों से होकर गुजरते हैं लेकिन बेपरवाह बने हुए हैं और लोग यहां से आने-जाने की मजबूरी झेल रहे हैं। अब देखना यह है की कब बजट आता है और कब इस समस्या का समाधान होता है।
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