एक ओर जहां हम भारतीय कोरोना वायरस की महामारी को फैलते देख सदमे में हैं, अपनी सेहत और वित्तीय सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। इस रोग के बढ़ते मामलों से निपटने में नाकाम बदहाल हेल्थे्केयर सिस्टम को लेकर हम शिकायत कर रहे हैं। वहीँ देश में एक ऐसा वर्ग है जिसके लिए इसमें कुछ भी नया नहीं है। और वह हैं टीबी के मरीज।
टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक हवा के जरिए फैलता है। फेफड़ों वाली टीबी का मरीज जब खांसता, छींकता या थूकता है तो वह हवा में टीबी के रोगकारक जीवाणु फैलाता है। हवा में मौजूद इन जीवाणुओं की थोड़ी सी मात्रा सांस के जरिए शरीर में चली जाए, तो यह एक एक स्वस्थ व्यक्ति को बीमार करने के लिए काफी है। भले ही टीबी कोरोना वायरस के जितनी संक्रामक नहीं है लेकिन घातक उतनी ही है। WHO के अनुसार दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के साथ-साथ टीबी दुनिया भर में होने वाली मौतों की 10 प्रमुख वजहों में शामिल है।