20 वर्षीय चाँद खान जिनको छोटे कद की वजह से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनके छोटे कद के कारण लोग उनका मज़ाक भी बनाते हैं।
चित्रकूट- अगर आज भी ऐसे लोग हैं जो इंसान को उसकी काबिलियत के जरिए नहीं बल्कि उसके रंग-रूप, कद और जात-पात ना जाने किस- किस तरह से आंकते हैं तो इसमें गलती उनकी नहीं है। जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव पहाड़ी के मुस्लिम पुरवा निवासी चांद खान का आरोप है कि उनको उनके छोटे कद की वजह से सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
“मैं अपने रो-रोकर अपना हाल प्रधान और अधिकारियों को सुनाता हूं लेकिन मेरी कोई बात सुनता नहीं है। मैं बहुत गरीब हूं मेरे मां-बाप भी बहुत गरीब हैं। चार भाई और दो बहन हैं सबकी शादी हो चुकी है मैं छोटा कद का हूं तो मेरा लोग मजाक उड़ाते हैं।”
चाँद सिंह ने बताया कि रामनगर ब्लॉक पर साइकिल के लिए फ़ार्म भरे जा रहे थे तो वहां के अधिकारी कहते थे कि उनकी उम्र ऐसी नहीं है कि वह साइकिल चला पायेंगे। जो विकलांग होते हैं उनको साइकिल दी जाती है उन्हें नहीं मिल पाएगी। चाँद सिंह ने यह भी बताया कि अगर उनको साइकिल मिल जाती तो वह भी बहुत कुछ कर दिखाते।
विभाग के चक्कर लगाते खर्च हुए 5000
योजनाओं की भागादौड़ी में चाँद सिंह के अब तक लगभग 5000 रूपये खर्च हो चुके हैं लेकिन उनको न पेंशन मिल रही न ही विकलांग साइकिल। चाँद सिंह के सामने बहुत बड़ी चुनौती की माँ-बाप से लेकर नात रिश्तेदार तक *अपने पैरों पर खड़े होने की नसीहत देते हैं लेकिन साथ कोई नहीं देता।*
दिव्यांग पेंशन योजना –
भारत देश की सरकार देश के दिव्यांग वर्ग को हर महीने पेंशन देती है। यह पेंशन उन्हें इसलिए दी जाती है ताकि विकलांग लोग अपने पैरों पर खड़े होकर स्वाभिमानी बन सकें, उन्हें किसी पर निर्भर न होना पड़े। देश में कई लोग दिव्यांग है, कुछ तो जन्म से विकलांग है तो कुछ दुर्घटना या किसी और अन्य वजह से विकलांग हो गए है। विकलांग वे होते है, जिनके शरीर के कुछ अंग पूरी तरह से ख़राब हो जाते है। वे अपाहिज हो जाते है। सरकार 40% से उपर विकलांग वालों को पेंशन सुविधा देती है ताकि वे अपना जीवनयापन अच्छे से कर सकें।
जन्मजात नहीं है विकलांगता
संजय जो रिश्ते में चाँद खान के चाचा लगते हैं उन्होंने बताया यह जब पैदा हुआ था तो ठीक था। कुछ साल बाद पैर से विकलांग हो गया और इसकी उम्र बौना (कद में छोटा) हो गई। कई बार इसको लेकर प्रसासन के पास गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। बूढ़े माँ-बाप कब तक इसका ख्याल रखेंगे।
हनीफ खान प्रधान गाँव पहाड़ी का कहना है कि वह अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रहे हैं। पेंशन और साइकिल के लिए ब्लॉक में फार्म भर दिया है। जब विभाग की तरफ से पास हो जाएगा तो योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
क्या बोले अधिकारी?
धनंजय सिंह खंड विकास अधिकारी रामनगर ने हमें बताया कि प्रधान द्वारा उनको जानकारी मिली है। ब्लॉक स्तर पर लगभग 20 फॉर्म भर के शासन के यहां जमा कर दिए हैं। जैसे ही योजनाओं का लाभ आएगा पहला नंबर चाँद खान का होगा। इन्हें साइकिल और पेंशन दोनों का लाभ दिलाया जायेगा।
इस खबर की रिपोर्टिंग सहोदरा द्वारा की गयी है।
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