खबर लहरिया Blog चित्रकूट: गांवों में नहीं बनीं गौशाला, सड़कों पर भटकने को मजबूर गौवंश

चित्रकूट: गांवों में नहीं बनीं गौशाला, सड़कों पर भटकने को मजबूर गौवंश

जिले में गौशाला ना होने की वजह से अन्ना जानवर सड़कों पर घूमने के लिए मज़बूर है।

योगी की सरकार बनते ही किसानों के हित में योजनाओं को संचालित किया जिनमें से एक है सड़को पर घूमने वाले अन्ना जानवर को लेकर योजना तैयार करना। प्रदेश के हर जिले के प्रतेक गाँव में अस्थायी गौशाला खोलने के आदेश दिए ताकि सड़कों पर घूमने वाले जो अन्ना जानवर हैं उनको पकड़कर गौशाला में रखा जाये जिससे अन्ना जानवरों की वजह से दुर्घटनाएं न हो। और फसलें भी चौपट होने से बच जाएँ। लेकिन अभी के हालात यह हैं की शहर के किसी भी इलाके में चले जाओ वहां आपको अन्ना जानवरों का जमावड़ा तो दिख ही जायेगा। ताज़ा मामला चित्रकूट जिले का है।

जिला चित्रकूट, ब्लॉक मऊ, गांव कोपा। कोपा गाँव में अभी तक गौशाला नहीं बना। हजारों किसान अन्ना जानवर से परेशान हैं। यहाँ के किसानों ने बताया कि एक साल पहले गौशाला की तरह एक स्थान पर जानवरों को इकठ्ठा करके चारो तरफ से तार से रूधवा देते थे। वही जानवर के पानी की वयवस्था भी होती थी। पर इस साल वह भी हटा दिया गया। हर किसान रात दिन अपने खेत के रखवाली करते हैं। फिर भी पूरा धान का खेत अन्ना जानवर चर डालते हैं। इस समय धान, बाजरा की खेती पूरा जानवर चर के खराब कर दिये।

कागजों में बनीं गौशाला, पर गांव में नहीं

रामबाबू, शिवधर और प्रमिला जैसे और भी कोपा गाँव के किसानों ने मिलकर प्रधान से गौशाला बनवाने की बात की तो प्रधान ने कहा की जमीं की व्यवस्था करके एक साल में अन्दर गौशाला का निर्माण कराया जाएगा। जाड़ा, गर्मी, बरसात कैसा भी मौसम हो किसान रात दिन अपनी खेती के रखवाली करते हैं। यदि गौशाला बना होता तो किसान दूसरे काम पर चले जाते जिससे उनका घर का खर्च निकलता। पर यहाँ गौशाला न बनने से किसानों की दिनचर्या खराब हो गई है।

लाखों खर्च कर बनीं गौशाला फिर भी बेघर हैं गौवंश

ऐसा ही हाल गांव छिवलहा मजरा मंगल का पुरवा का भी है यहाँ चार महीना से गौशाला में ताला लगा हैं। जो किसान धान के बेढ बोये हैं या हरी साग सब्जी बोये हैं उसे अन्ना जानवर बर्वाद कर दे रहे हैं। सड़को पर भी जानवरों के झुण्ड ने लोगों का चलना मुश्किल कर दिया है।

हर पंचायत में गौशाला खोलने का निर्णय फ्लॉप

ननकू और सुरेश ने बताया कि गौशाला में ताला लगा होने के चलते सारे अन्ना जानवर सड़क पर घूम रहे हैं। झुण्ड का झुण्ड सड़क पर बैठे दिखेंगे या फिर खड़े होकर मानों आने-जाने वालों का रास्ता रास्ता रोंक रहे हों। प्रयागराज से बांदा जाने सड़क से एक दिन में पचासो हजार लोग निकलते हैं। आये दिन एक्सीडेंट की घटनाएँ भी सुनाई देती हैं। किसी का हाथ पैर टूट जाता है तो किसी की मौत हो जाती है। पर यहाँ कागजों में खेल चल रहा है और ग्रामीण विकास के लिए तरस रहे हैं।

रामसुंदर किसान का कहना है कि सरकार के तरफ से आया बजट तो खर्च हो जाता है कहाँ ख़तम होता है यह भी नहीं पता चलता, पर गांव में यह कहकर विकास कार्य रोक दिया जाता है की बजट ही नहीं आया। किसान हर तरह से जूझता है। कभी बारिश, कभी ओला तो कभी सूखा लेकिन अन्ना जानवरों से बारहों मॉस जूझना पड़ता है।

संतोष एडिओ पंचायत ब्लॉक मऊ का कहना है कि जिस गांव में गौशाला नहीं है अब नये प्रधान द्वारा बनवाया जाएगा। जिस गाँव में बनकर तैयार है उनमें जानवर रखे जायेंगे। इन सबकी प्रक्रिया चल रही है।

इस खबर की रिपोर्टिंग सुनीता देवी द्वारा की गयी है।

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