महिलाओं के साथ होती हिंसाओं की कोई सीमा नहीं है। हर दिन महिला हिंसा को लेकर लाखों केस दर्ज़ होते हैं और लाखों नहीं भी होते। इस बीच जो महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर असर होता है, उसका क्या? उसे कौन देख रहा है और उसे लेकर काम कर रहा है?
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