जिला चित्रकूट के ब्लॉक मानिकपुर के गांव चूल्ही में किसी भी तरह के विकास न होने से लोग काफी परेशान हैं। लगभग 4 किलोमीटर जंगलों के अंदर बसे इस गांव में न ही कभी प्रशासन पहुँचता है और न ही विकास। आवास, पानी, सड़क, शिक्षा हर तरह के गंभीर मुद्दों से यह गांव वंचित है। गांव में सबसे ज़रूरी मुद्दा सड़क न होने का है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव से मेन रोड लगभग 5 किलोमीटर दूर है और बीच का रास्ता पूरी तरह से कच्चा है। इस रास्ते पर न ही कोई वाहन आता है और न ही आजतक एम्बुलेंस पहुँच पाई है। डिलीवरी के दौरान गर्भवती महिलाओं को पैदल यह दूरी तय करनी पड़ती है और लगभग 3 घंटे पैदल या किसी साइकिल इत्यादि की मदद से महिलाएं सड़क तक पहुँच पाती हैं। ग्रामीणों ने कई बार सड़क बनवाने की मांग की है लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।
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गांव में शिक्षा का स्तर भी बहुत नीचे हैं। गांव के बच्चे 8वीं कक्षा के बाद पढ़ाई पूरी भी नहीं कर पाते हैं क्यूंकि उसके आगे स्कूल ही नहीं है। उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को मानिकपुर के एक स्कूल जाना पड़ेगा जो गांव से लगभग 3-4 किलोमीटर दूर है। माँ-बाप भी डर के चलते अपने बच्चों को आगे की पढाई के लिए बाहर नहीं भेजते और बच्चों को 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ जाती है।
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गांव में किसी भी तरह का विकास नहीं हुआ है, न ही लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है। गांव में सभी के पास कच्ची झोपड़ियां हैं और लोग आवास के इंतज़ार में बैठे हुए हैं। कई बार इसके लिए मांग भी की गई है लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई है।
मानिकपुर ब्लॉक के बी डी ओ धनंजय सिंह का कहना है क्यूंकि गांव की ज़्यादातर ज़मीन वन विभाग की है, इसलिए वहां विकास कार्यों में देरी हो रही है। जल्द से जल्द वहां का सर्वे करवाकर लोगों को योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
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