जिला चित्रकूट ब्लाक मऊ गांव ताड़ी। यहां के 30 वर्षीय रामकुमार 6 महीना से कैंसर से पीड़ित हैं। रोज मजदूरी करके खाने वाले लोग इलाज करा पाने में असमर्थ हैं। सरकारी गोल्डन कार्ड बना लेकिन उसका भी लाभ नहीं मिल पाया।
रामकुमार एक हफ्ते से प्रयागराज कमला नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती हैं। ऑपरेशन के लिए 5 लाख रूपये की मांग की जा रही है। जिसके पास खाने के लिए दाने नहीं हैं वह इतना पैसा कहाँ से लाये? गांव में चंदा लेकर इलाज के लिए थोड़े पैसे इकट्ठे किये और थोड़े गहने बेचे तब जाकर अस्पताल में एडमिट कराया गया है।
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रामकुमार की पत्नी, तीन बच्चे और बूढ़े माँ-बाप हैं। इकलौते रामकुमार के कमाने से घर चलता था। इस समय स्थिति गंभीर है। खाने का देंखे या इलाज , कोई बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है। उनका आरोप है कि सरकार बस कागज में योजना चलाती है गांव में नहीं। अगर आयुष्मान कार्ड का कोई लाभ नहीं है तो योजना बंद कर दे।
रोशनी जो गांव की आशा बहू हैं उनका कहना है वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गई थी लेकिन जवाब दे दिया गया। रामकुमार का आयुष्मान कार्ड हाल ही में बना है उन्हें इलाज मिलना चाहिए।
मऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उमाशंकर पाल आरोग्य मित्र का कहना है यदि आयुष्मान कार्ड धारक मरीज आते हैं उनको सलाह या इलाज के लिए सहयोग करते हैं। टोटल गोल्डन कार्ड 53 हजार 905 बने हैं जिसमें 16800 शेष है। सन् 2011 की सूची में जिनका नाम है उन्हीं का कार्ड बना है और सरकारी अस्पताल से पांच लाख तक का इलाज मुफ्त होगा।
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