इतिहास के पन्नों महिलाओं का बहादुरी मे हमेशा नाम रहा है चाहे वो रानी लक्ष्मी बाई हो या फुलन देवी जब भी वख्त आया डट कर लडाई मे आगे रही ऐसी ही एक महिला चित्रकूट के मानिकपुर ब्लाक के गांव हरिजनपुर की है ये इलाका हमेशा से दस्यु प्रभावित क्षेत्र रहा है डाकूओं का खौफ यहां के बच्चे बुढे जवानों को रहा है एक बहादुर महिला जो दलित जाति से है वो पाठा के लिए मिसाल बन गई दो हजार एक मे जब ददुआ डाकू का आतंक था हर तरफ ददुआ का खौफ था लोग शाम से घरो मे घुस जाते सन दो हजार एक मे ददुआ ने एम पी यू पी के बाडर के पास सतना जिला जो एम पी मे पडता है वहा के एक बैक मैनेजर जगन्नाथ के लडके को ददुआ गेंग के लोगो ने किडनैप कर लिया 7 दिन उसे जंगल मे बांध कर रखा आठवें दिन किसी तरह वो बच्चा डाकूओं की पकड से झूट कर रामलली के घर पहूंचा हरिजनपुर जो जंगल मे ही पडता है और रामलली को मम्मी बचा लो कह कर उसके घर मे घुस गया रामलली की ममता जागी और उसने डाकूओं की परवाह न करते हुए उसने उस बच्चे को बचाया इसके लिए उसे भले ही उसे प्रशासन ने पापा की शेरनी नाम दिया लेकिन उसके पहले बडी चुनौती का सामना करना पडा ।
चित्रकूट- मिलिए पाठा की शेरनी रामलली से
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