जुलाई 2025 में मंदाकिनी नदी के उफान और लगातार बारिश ने चित्रकूट के रामघाट क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। कुशवाहा समुदाय के सैकड़ों परिवार, जो पीढ़ियों से नदी किनारे सब्ज़ी उगाकर जीवन यापन करते हैं, इस बार बाढ़ में अपनी पूरी फसल गंवा बैठे। लौकी, तोरई, कद्दू, करौंदा से लेकर बरबटी तक – सब कुछ पानी में सड़ गया। सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रशासन के अनुसार नदी किनारे की खेती के लिए मुआवज़ा तय नहीं है। किसानों के सामने अब कर्ज़ और दोबारा खेती की चुनौतियाँ हैं। इस रिपोर्ट में देखें रामघाट के सब्ज़ी किसानों की दर्दभरी दास्तान और उनका संघर्ष।
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