चित्रकूट ज़िले के ब्लॉक रामनगर के अलग-अलग गावों में किसान आजकल धान की फसल उगाने में लगे हुए हैं। इन लोगों का कहना है कि धान की फसल में अब पहले से कहीं ज़्यादा मेहनत लगती है। किसानों ने हमें बताया कि पहले पुराने बीजों से ही अच्छी पैदावार हो जाती थी लेकिन अब तो हर साल नए बीज लेने पड़ते हैं और फिर भी फसल अच्छी तैयार नहीं होती।
इन लोगों का कहना है कि जिन किसानों के पास बोरवेल की सुविधा है वो तो अच्छे से रोपाई कर लेते हैं लेकिन जिन जगहों पर पानी की बिलकुल सुविधा नहीं है, वहां कई बार फसल ख़राब हो जाती है। इन किसानों ने हमें यह भी बताया कि अन्ना जानवर भी अब साड़ी फसलें ख़राब कर देते हैं इसलिए इन लोगों को दिन-रात खेतों की निगरानी करनी पड़ती है। जितनी लागत से ये लोग धान की फसल बोते हैं, कटाई के बाद ये लोग उतना कमा नहीं पाते।
जिन किसानों के पास ज़्यादा पैसे होते हैं वो लोग तो बाहर जाकर अपनी फसल बेच देते हैं, लेकिन ज़्यादातर लोगों को फसल बेचने में भी परेशानी होती है। सरकारी कृषि केंद्र पर उतने अच्छे दाम नहीं मिलते जितना प्राइवेट दुकानों में मिल जाते हैं। ब्लॉक रामनगर के कृषि विभाग के प्रभारी विनय कुमार ने हमें बताया कि सरकारी कृषि केंद्र पर आकर बीज लेने और धान बेचने से किसानों को ज़्यादा फायदा होता है, यहाँ उन्हें अनुदान भी बाहर से ज़्यादा मिलता है।
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