इस गांव की रहने वाली श्यामकली बताती हैं कि यह कुआं बहुत पुराना है। पीढ़ियों से गांव के लोग इसका पानी पीते आ रहे हैं। इसका पानी बहुत ठंडा और मीठा होता है, जैसे फ्रिज का हो, इसलिए पूरा गांव इसी कुएं पर निर्भर है, लेकिन अब इसकी हालत खराब हो गई है।
रिपोर्ट – सुनीता, लेखन – सुनीता
चित्रकूट जिले के मऊ ब्लॉक के डोडिया माफी गांव के छतैनी मजरे में आज भी लोग गर्मी से राहत पाने के लिए एक पुराने कुएं के पानी पर निर्भर हैं। गांव के करीब दो हजार लोग सालों से इसी कुएं का ठंडा पानी पीते हैं, क्योंकि उनके पास न तो फ्रिज है और न ही हैंडपंप या नल का पानी ठीक से आता है। लेकिन जिस कुएं से लोग पीने का पानी भरते हैं, उसकी हालत बहुत खराब है। न तो उसकी सफाई होती है और न ही मरम्मत।
10 साल से नहीं हुई सफाई
गांव के निवासी चुन्नू ने बताया कि कि यह कुआं पूरे गांव के लिए बहुत फायदे की चीज है क्योंकि इसका पानी ठंडा रहता है। गांव की आबादी लगभग 2000 है और यहां हैंडपंप, सप्लाई और टोटी वाले नल तो लगे हैं। लेकिन लोग बारह महीने इसी कुएं का पानी पीते हैं।
इस कुएं की सफाई और मरम्मत पिछले दस सालों से नहीं हुई है। कुआं अब गंदा हो चुका है लेकिन मजबूरी में लोग इसी का पानी पीते हैं। पानी भरने के लिए जो सीढ़ियाँ बनी हैं, वे टूटी हुई हैं। महिलाएं झुककर पानी भरती हैं जिससे गिरने का डर बना रहता है। खंभा तो लगाया गया है लेकिन उस पर चरखी नहीं है।
महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ा खतरा
इस गांव की रहने वाली श्यामकली बताती हैं कि यह कुआं बहुत पुराना है। पीढ़ियों से गांव के लोग इसका पानी पीते आ रहे हैं। इसका पानी बहुत ठंडा और मीठा होता है, जैसे फ्रिज का हो, इसलिए पूरा गांव इसी कुएं पर निर्भर है, लेकिन अब इसकी हालत खराब हो गई है। कुएं के चारों तरफ चबूतरा और सीढ़ियां टूट चुकी हैं। जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
बरसात का मौसम आने वाला है। ऐसे में सांप-बिच्छू भी आसपास आ सकते हैं। महिलाएं जब पानी भरने जाती हैं तो डर बना रहता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। पिछले साल एक गर्भवती महिला सीढ़ियों से फिसलकर गिर गई थी, जिससे उसके पेट में चोट लगी और उसका बच्चा पेट में ही मर गया।
कुएं की सफाई और मरम्मत न होने से बीमार पड़ रहे हैं लोग
डोडिया माफी गांव के मजरा छतैनी की रहने वाली रानी ने बताया कि गांव का कुआं पिछले 10 साल से साफ नहीं हुआ है। यह कुआं खुला है, इसलिए चारों ओर से पत्तियां, मिट्टी और कचरा गिरकर पानी को गंदा कर देते हैं। बरसात का मौसम आने वाला है, ऐसे में गंदगी और भी बढ़ जाएगी और लोग बीमार पड़ सकते हैं। अगर हर साल सफाई होती तो पानी इतना खराब न होता।
गंदे पानी की वजह से डायरिया और दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। कुएं के पानी में कीड़े भी पड़ जाते हैं, जो भरते वक्त नहीं दिखते, लेकिन बाद में दिखाई देने लगते हैं। मजबूरी में लोग वही पानी पीते हैं क्योंकि हैंडपंप का पानी भी गंदा निकलता है।
दो साल पहले कुएं में गिर गई थी महिला
गांव के चार खंभों वाले कुएं में एक भी पकड़ने वाली रेलिंग नहीं लगी है। जब महिलाएं बाल्टी से पानी खींचती हैं तो बाल्टी अंदर फंस जाती है और गिरने का डर बना रहता है। दो साल पहले एक महिला कुएं में गिर गई थी। गांव वालों ने समय पर देखा और उसे बचा लिया, वरना वह डूब सकती थी।
बजट आते ही कुएं की मरम्मत और सफाई का भरोसा
ग्राम प्रधान राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि छतैनी मजरे के पुराने कुएं की मरम्मत के लिए उन्होंने कार्ययोजना में प्रस्ताव भेज दिया है। जैसे ही बजट मिलेगा, मरम्मत, घाट, सीढ़ी और सफाई का काम शुरू करा दिया जाएगा।
मऊ ब्लॉक के बीडीओ ओमप्रकाश यादव ने कहा है कि अगर किसी गांव में लोग पूरी तरह कुएं के पानी पर निर्भर हैं तो इस मुद्दे पर प्रधानों की बैठक बुलाई जाएगी। गर्मी में तालाब, हैंडपंप और कुओं का जलस्तर नीचे चला गया है जिससे पानी की दिक्कत बढ़ गई है। फिर भी जहां लोग अब भी कुएं का पानी इस्तेमाल कर रहे हैं, वहां जरूरी इंतजाम जरूर करवाए जाएंगे।
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