खबर लहरिया छतरपुर छतरपुर: कॉलेज में टीचर ना होने से बच्चों ने कलेक्टर कार्यालय में सौपा ज्ञापन

छतरपुर: कॉलेज में टीचर ना होने से बच्चों ने कलेक्टर कार्यालय में सौपा ज्ञापन

छतरपुर: कॉलेज में टीचर ना होने से बच्चों ने कलेक्टर कार्यालय में सौपा ज्ञापन

आई ए एस अधिकारी से करती रहीं बहस, बोली कक्षाएं ठप्प पड़ीं हैं आप क्या करते?- छतरपुर। शहर के शासकीय कन्या महाविद्यालय की सैकड़ों छात्राएं स्टेडियम के सामने स्थित कॉलेज से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च करते हुए जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चन्द्रा के चेम्बर में घुस गईं।

छात्राओं ने अचानक कलेक्ट्रेट में नारेबाजी और हंगामा खड़ा कर दिया जिसके कारण हिमांशु चन्द्रा इन छात्राओं को इस गलती के लिए समझाने लगे। इस पर छात्राएं उलटे उनसे ही सवाल पूछने लगीं। छात्राओं ने कहा कि लगभग एक महीने से हमारी कक्षाएं बंद पड़ी हैं, हम कॉलेज में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं अगर आप हमारी जगह होते तो क्या करते? दरअसल सरकार ने नए नियमित प्राध्यापकों की पोस्टिंग शुरू कर दी है जिसके कारण कॉलेजों से अतिथि विद्वानों को हटा दिया गया है।
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छात्राओं का कहना है कि पिछले एक महीने से हमारी कई कक्षाएं अतिथि विद्वानों के न आने के कारण बंद हो गई हैं। अर्थशास्त्र की कक्षा डेढ़ महीने से नहीं लग रही है। कुछ ही दिनों में परीक्षाएं होनी हैं, हमारा सिलेबस पूर्ण नहीं होगा तो हमारे फेल होने का जिम्मेदार कौन होगा? दरअसल जब छात्राएं कलेक्टर कार्यालय पहुंची तो उन्हें बाहर ही जिला शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा ने उनसे कह दिया कि आज साहब नहीं बैठे हैं।

इस पर छात्राओं ने कलेक्टर को खोजना शुरू कर दिया। कलेक्टर तो नहीं मिले लेकिन जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चन्द्रा अपने चेम्बर में बैठे थे। छात्राएं उनके चेम्बर में घुस गईं जिस पर उन्हें बाहर निकलना पड़ा और फिर छात्राओं के सवाल झेलने पड़े। छात्राओं ने लगभग 10 मिनिट तक सीईओ से कई मुद्दों पर बहस की और फिर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए लौट आयीं। सीईओ ने इस मामले की पूरी जानकारी लेने के लिए डीईओ संतोष शर्मा को कॉलेज भेजा और जल्द ही कार्यवाही का भरोसा दिया।