जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ और मानिकपुर, गांव बरगड़ में कई बच्चे कुपोषण के शिकार हो रखें हैं। अलमीना का कहना है कि उनका बच्चा जन्म से ही कुपोषित है पर सरकार की तरफ कोई खाने पीने के लिए व्यवस्था नहीं की गई है। इस समय उनका बच्चा ढाई साल का है जिसका वजन 8 या 9 किलो है, उसके लिए कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। लॉकडाउन में पूरा धन्धा-पानी बंद हो गया था, सरकार गरीबो को नहीं देखती है और न ही आंगनवाड़ी की तरफ से कुछ दिलासा मिलती है। वो बस यही चाहती हैं कि किसी न किसी तरह उनका बच्चा ठीक हो जाए।
अर्चना का कहना है कि उनका बच्चा भी कुपोषित है, अब अस्पातल में लायी हैं उसे भर्ती कराने, चौदह दिन तक यहाँ रखा जाएगा। यहाँ बच्चे को दूध, दलिया मिलती है और कुछ भी नहीं मिलता। मऊ बाल विकास परियोजना अधिकारी विनय कुमार का कहना है की जो भी कुपोषित बच्चे हैं, उन्हें कर्वी अस्पातल मे भर्ती करवाया जाता है। अभी इस महीने नियम आया है कि कुपोषित बच्चों को कुछ खान-पान लिए राशन दिया जायेगा। अभी ये नियम चालू नही हुआ है। जिला कार्यक्रम अधिकारी आई.सी.डी.एस, जिला चित्रकूट का कहना है कि जो कुपोषित बच्चे हैं उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी इसी महीने नियम आया है कि घी और पाउडर दिया जायेगा।