1 नवम्बर 2007 से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू किया गया है । इस अधिनियम के तहत बाल विवाह यानी लड़की की उम्र अगर 18 से कम है तो उसे कानूनी जुर्म और अपराध माना जाएगा। अगर कोई भी व्यक्ति बाल विवाह में सहयोग करते हैं या प्रोत्साहन देता है तो उसे कठोर से कठोर सजा दी जा सकती है |
लेकिन ये बात सिर्फ कागजी तब लगने लगती है जब इसका उललंघन किया जाता है.लेकिन उसके पीछे भी मज़बूरी की ऐसी दास्तान हमें चित्रकूट जिले के नैनी गांव में सुनने को मिली यहाँ की शांति की शादी सिर्फ इस लिए की जा रही थी क्योकि शांति का परिवार 2 वक्त की रोटी को भी मोहताज़ है | हालाँकि इस शादी को समय रहते रोक लिया गया लेकिन उनकी मज़बूरी की दास्ताँ सुन हमारे भी आँख भर आये |
लॉकडाउन मे बहुत सी शादियां हुई बहुत लोग पैसे के लेनदेन से नाबालिग बच्चियों की भी शादी कर डाली ऐसा ही एक मामला चित्रकूट जिला ब्लॉक पहाडी थाना राजापुर के नैनी बाँगर गांव मे एक नाबालिग बच्ची की शादी 11 साल की लडकी की शादी 27 साल के औधेश निवासी हस्ता के साथ कर रहे थे लडकी पक्ष का आरोप.है की हमारे उपर जबरदस्ती दबाव बनाया था इसलिए हम तैयार हो गये थे और तय किया था की बिदाई चार छै साल बाद करेंगे लेकिन किसी ने पूलिस को सुचना दे दी औरपूलिस आ गई |
लडकी के पिता ने बताया हमारे घर की आर्थिक स्तिथि खराब है किसी तरह गुजारा चलता है मांग कर खाने के लिए लडकी की मां मांग कर लाती हैं तब घर मे खाना बनता है |
इस वजह से हमने सोंचा चलो किसी तरह एक लडकी निपट जाएगी जिम्मेदारी कम होगी इस बात को लेकर जब बच्ची से बात करी तो उस बच्ची को शादी का मतलब ही नहीं पता हो जैसे वो तो खुश थी शादी हो रही थी |
चाइल्डलाइन डारेक्टर अभिमन्यु जी ने बताया उस परिवार की स्तिथ नाजुक है सिक्षा की कमी है इसलिए उनलोगों ने कदम उठाया जो की कानूनी तौर पर गलत है बच्ची के स्वास्थ्य के लिए भी गलत है |
हस्ता निवासी औधेश जिससे शादी हो रही थी उसने बताया मुझे लडकी नहीं दिखाई थी अपनी बहन बताया था मुझसै पैसे भी लिए हैं और झूठ बोल कर मुझे फंसा दिया गया |