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दो नन्ही जानों ने बचाई अपनी दादी की जान

यह फोटो सांकेतिक है

अपनी माँ द्वारा सिखाई गई सीपीआर तकनीक ने आख़िरकार एक जान तो बचा ही ली आज। डेलीमेल रिपोर्ट के मुताबिक, दो भाई, किआन 10 वर्ष और ग्रेसन वू, 7 वर्ष, घटना के दौरान कनाडा के सास्काटून में अपनी दादी पट्टी चॅटर्सन के घर पर एक फिल्म देखने पहुंचे थे। हालांकि, दोनों इस बात से अनजान थे कि 62 वर्षीय उनकी दादी को दिल का दौरा पड़ रहा था लेकिन उन्हें इस स्थिति में देख दोनों ने उन्हें सीपीआर दिया और अपने उन छोटे-छोटे हाथों से अपनी दादी को आख़िरकार बचा ही लिया।

सीपीआर, मरीज़ या घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण तरीका है। इससे कार्डियक अरेस्ट या सांस न ले पाने जैसी आपातकालीन स्थिति में व्यक्ति की जान बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उनकी मां ली चॅटर्सन वू, जोकि एक नर्स हैं, ने उन्हें कुछ समय पहले ही कार्डियोफुलमोनरी पुनर्वसन (सीपीआर) की तकनीक सिखाई थी। हालांकि, उन्हें ये नहीं पता था कि दोनों इतनी जल्दी इस प्रक्रिया का उपयोग करेंगे।

सीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि लड़कों ने 911 पर फोन करके मदद मांगी और एम्बुलेंस पहुंचने तक अपनी दादी पर ये आपातकालीन प्रक्रिया जारी रखी। ग्रेसन ने एक समाचार वेबसाइट को बताया कि “उन्हें इस स्थिति में देख वो दोनों काफी घबरा गए थे।”
“मैं अपनी दादी को मरते हुए नहीं देख सकता था। इसलिए उस समय हमसे जो हो सका हमने वो किया,” ऐसा बड़े भाई किआन का कहना है।

सौभाग्य से, उनकी दादी को समय पर अस्पताल पहुँचाया गया जिसके चलते अब वो पूरी तरह से ठीक पाई गई हैं। चैटरसन ने समाचार कंपनी को बताया कि उन्हें अपने दोनों पोतों पर गर्व है और साथ ही वो उनकी शुक्रगुज़ार हैं कि इतनी कम उम्र में भी वो उनकी जान बचाने के लिए सक्षम पाए गए।

अपनी दादी की जान बचाने के लिए, दोनों बच्चों को सास्काटून में मेडावी हेल्थ सर्विसेज वेस्ट मुख्यालय द्वारा स्टार अवॉर्ड्स से सम्मानित भी किया गया है।