बच्चा फ्री फ़ायर गेम का इतना ज़्यादा शिकार हो गया कि मां की डांट से गुस्सा होकर उसने सुसाइड कर लिया।
‘आई एम सॉरी मां, डोट क्राइ!’ यह शब्द एक एक 13 वर्षीय बच्चे के सुसाइड नोट का है, बच्चा फ्री फ़ायर गेम का इतना ज़्यादा शिकार हो गया कि मां की डांट से गुस्सा होकर उसने सुसाइड कर लिया। इससे पहले जनवरी माह में मध्य प्रदेश के ही सागर ज़िले में एक 12 साल के बच्चे ने उस वक़्त आत्महत्या कर ली थी, जब उसके पिता ने अधिक गेम खेलने के कारण बेटे से मोबाइल फ़ोन छीन लिया था।
बच्चों और युवाओं में आजकल पबजी गेम का क्रेज इतना बढ़ रहा है कि वह कब और कहां इसके शिकार हो जाते हैं उन्हें खुद ही पता नहीं चल पाता। यहां तक कि कई बार गेम खेलने वाले खेल-खेल में मौत को भी गले लगा लेते हैं। घटना तो पुरानी है लेकिन गेम खेलने वाले बच्चों को आइना दिखने के लिए काफी है।
पबजी बैन होने के बाद भी बच्चों के सिर मोबाइल पर गेम खेलने का बुखार चढ़ा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों टोली बनाकर या देर रात तक फ्री फायर गेम खेलने की ख़बरें वायरल हो रहीं है। इससे माँ-बाप तो परेशान हैं ही साथ ही साथ बच्चों की शिक्षा भी चौपट हो रही है। पहले पबजी और अब फ्री फायर गेम बच्चों पर नशा बन कर छाया हुआहै। नशा ऐसा की ज्यादातर युवा व स्कूली बच्चे अपनी स्कूली शिक्षा भूल पब्जी खेलने में मगन हैं।
लॉकडाउन के दौरान मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के सागर रोड का एक बहुत ही अजीबोगरीब मामला सामने आया था। जहां पर एक 13 साल का कृष्णा नाम का बच्चा 2 अगस्त 2021 को जो मोबाइल में गेम खेलने के दौरान 40 हजार रूपये हार गया और उसने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि कृष्णा लॉकडाउन में अपनी माँ के मोबाईल से ऑनलाइन क्लास करता था, लेकिन धीरे-धीरे वह चोरी से गेम खेलने लगा था। अगर बात गेम खेलने तक होती तो कुछ हद तक वह भी ठीक था लेकिन वह उस गेम में पैसे भी लगाने लगा था। एक दिन वह गेम खेलते-खेलते 40 हजार रुपए भी हार गया।
मामले की जानकारी तब हुई जब फ्री फ़ायर खेल रहे कृष्णा की माँ के खाते से 40 हजार रुपये कटने का मैसेज आया। जब बेटे को फोन कर कहा कि यह पैसे कैसे कट गए? इस पर बेटे ने ऑनलाइन गेम की बात बताई। बेटे को डांटने के बाद वह इतना डिप्रेशन में चला गया कि उसने फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले उसने एक नोट भी लिखा था। जिसमें लिखा था ‘आई एम सॉरी मां, डोट क्राइ!’ एक गेम के चक्कर में एक बच्चे की जान चली गई। एक माँ इस बात को कैसे भूल सकती है। यह घटना है तो पुरानी लेकिन साथ ही बहुत बड़ा उदहारण भी है।
ये भी देखें – चित्रकूट: नाबालिग लड़की के शरीर पर फेंका गया तेज़ाब -आरोप
क्यों है इस गेम की दुनियां दीवानी? आखिर फ्री फायर गेम है क्या?
फ्री फायर दुनियाभर में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले गेम्स में से एक है। यह गेम में नए नए फीचर्स और एडवेंचर्स जोड़ती रहती है, जिससे प्लेयर्स का रोमांच बना रहे। यह विश्व का एक बहुत ही पॉपुलर गेम है इस गेम के हाल में 450 मिलियन से भी अधिक यूजर है। 30 सितंबर 2017 को इस गेम को लांच किया गया था पर भारत में यह गेम 23 सितंबर 2020 को लांच हुआ था व इसके लांच होने के कुछ दिन बाद ही यह लोकप्रिय होने लग गया और काफी कम समय में इसने बहुत ही बड़ा मुकाम हासिल कर लिया।
फैजाबाद निवासी अमिता बच्चों का स्कूल बंद होने से बहुत उदास हैं वह प्रशासन को कोसती हैं। कहती हैं सरकार ने स्कूल बंद कर दिया बच्चे गेम खेलकर बर्वाद हो रहे हैं। वह और उनके पति ज्यादा पढ़े-लिखें हैं नहीं की फोन से गेम डिलीट कर दें। जब तक फोन चार्ज रहता है उनका 10 वर्षीय बेटा फ्री फायर गेम खेलता रहता है। इसके चक्कर में कई बार फोन ख़राब हो चुका है। अगर वह फोन न बनवाने तो पढ़ाई भी जो ऑनलाइन हो रही है वह भी नहीं हो पाएगी। ऐसे में वह बहुत परेशान हैं कि उनका बच्चा कहीं इस गेम का आदी न हो जाए।
मैंने एक मेरी सहली से बात चीत के दौरान पूछा की क्या हो रहा है? स्कूल तो बंद है बच्चे क्या कर रहें आजकल? उसने जो कहा वह चिंतनीय था वह बताने लगी की बहन पूरे दिन मोबाइल में पता नहीं कौन सा गेम खेलते रहते हैं कि कुछ बोलो तो सुनते ही नहीं हैं। गेम के पीछे इतनी दीवानगी बढ़ गई है कि खाना-पीना सब भूल गए हैं। मोबाइल मांगो तो गुस्सा हो जाते हैं, यहाँ-वहां बैठे खेलते रहते हैं। पता नहीं सरकार ने स्कूल क्यों बंद कर दिया। बच्चे तो बच्चे माँ बाप भी परेशान हैं।
क्या आपके बच्चे भी फ्री फायर गेम खेलते हैं? अपने बच्चों के फोन पर नजर रखें और संभव हो तो उसे ज्यादा गेम खेलने से रोकें। यह ऑनलाइन गेम अब बच्चों को नशे की तरह अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं और यह आकर्षण आपके बच्चे की जान का दुश्मन बन सकता है।
इस खबर की रिपोर्टिंग अलीमा द्वारा की गयी है।
ये भी देखें – चित्रकूट : दुवारी गांव के मजदूरों को बंधक बनाकर कराई जा रही मजदूरी