यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल 16 दिसंबर 2024 को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विवादित बयान दिया। सत्र में उन्होंने संभल और बहराइच का उदाहरण देते हुए कहा कि जब हिंदू जुलूस मुस्लिम इलाके से गुजरते हैं तो ही समस्या क्यों होती है? इसके साथ ही जय श्री राम के नारे को उत्तेजक नहीं बताया और ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा अच्छा नहीं लगता जैसे विवादित बयान से विधानसभा के माहौल को गर्म कर दिया।
उत्तर प्रदेश में सोमवार 16 दिसंबर 2024 से विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र हो चुका है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के पहले ही दिन सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष में संभल और बहराइच मामले पर चर्चा हुई। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में भाग लेने के बाद विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडे ने संभल और बहराइच मुद्दों पर बात उठाने की बात कही थी। इसके बाद चर्चा में मुख्यमंत्री योगी के बयान सभा का केंद्र बन गए।
मुख्यमंत्री योगी का बयान
संभल और बहराइच में हुए दंगें पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “देश में किसी भी मुस्लिम और पर्व के दौरान, किसी भी अन्य मत और मजहब से जुड़े पर्व के दौरान कहीं कोई समस्या खड़ी नहीं होती, तो फिर हिन्दू पर्व और त्यौहार के दौरान समस्या खड़ी करने की कोशिश करेगा तो सरकार उससे सख्ती से निपटने का काम करेगी। जब कोई हिंदू शोभायात्रा, किसी मस्जिद के सामने व मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से निकलती है, तब क्यों तनाव पैदा हो जाता है?”
https://x.com/myogiadityanath/status/1868624031551008958
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा हमें पसंद नहीं
उन्होंने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा, “जय श्री राम के नारे उत्तेजक नहीं है। यह हमारी श्रद्धा का नारा है, हमारी आस्था का प्रतीक है। अगर मैं कल आप से कहूं कि हमें ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा अच्छा नहीं लगता….. आपको कोई रोके तो आपको अच्छा लगेगा? मुझे इसकी आवश्यकता ही नहीं…….जय श्री राम का नारा, हर हर महादेव का नारा और राधे राधे के सम्बोधन से ही अपना पूरा जीवन काट सकता हूँ।”
सदन की कार्यवाही हुई स्थगित
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा संभल और बहराइच हिंसा का मुद्दा उठाए जाने के बाद प्रश्नकाल नहीं हो सका, जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
देश में राजनीति का शिकार आम जनता होती है। धर्म के नाम पर लोगों के भीतर इस तरह के बयान असर डालती है जिससे साम्प्रदयिक दंगें भड़कने की आशंका बढ़ जाती है। देश में हिन्दू-मुस्लिम की चर्चा और मतभेद इतने बढ़ गए हैं की धर्म पर सवाल उठने लगे हैं। लोग अपने धर्म के बचाव में दंगें करने के लिए सड़कों पर उतर आते हैं।
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