उत्तर प्रदेश में दूसरे बड़े आयोजन का प्रस्ताव लाया गया है जिसके चलते लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश को पूरा करने के लिए अगले सप्ताह से 158 परियोजनाएं का प्रक्षेपण किया जाएगा।
जुलाई में राज्य सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के शुभारंभ के लिए एक समान समारोह आयोजित किया था जिसके लिए फरवरी में आयोजित निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान आरंभिक एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किए गए थे ।
एक लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 158 परियोजनाओं की पहचान की गई है जिन्हें लखनऊ में 2 और 3 नवंबर को आयोजित किया जायेगा। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने पी.टी.आई को बताया कि निवेशकों से मिलने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
प्रमुख सचिव अनूप चंद्र पांडे के मुताबिक, अधिकारियों से कहा गया है कि निवेशकों को ‘ लेटर ऑफ कम्फर्ट ‘ और अन्य विभागीय निर्गम समय पर जारी किए जाएं ताकि उन्हें और दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
उनका ये भी कहना है कि हमने परियोजनाओं के निर्माण कार्यों के निरीक्षण के लिए अधिकारियों से कह दिया है, जिसको जुलाई महीने में ही शुरू कर दिया गया था। निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए एक विशेष तीन दिवसीय अभियान के आयोजन का आदेश भी दे दिया गया है।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकारी अधिकारी चुने गए संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ जल्द ही बैठक का आयोजन भी करेंगे।
हालांकि सरकार ने फरवरी में 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के चलते 60,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं का प्रक्षेपण किया गया है।
रिलायंस, महिंद्रा और अदानी जैसे बड़े समूहों के लोगों सहित 70 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों ने इस समारोह में भाग लिया था।
जुलाई समारोह में पेटीएम, गेल, एच.पी.सी.एल, टी.सी.एस, ए.सी.सी सीमेंट, पी.टी.सी इंडस्ट्रीज और श्रीराम ग्रुप के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे ।