महोबा जिला के विकासखंड जैतपुर के गांधी आश्रम परिसर में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा, पंजाब, जालंधर, उत्तर प्रदेश समेत कई प्रांतों से आए पहलवान लोगों ने दावपेंच दिखाए।
ये मुकाबला महिला पहलवान और पुरुष पहलवान के बीच हुआ दंगल में महिला पहलवानों की कुश्ती आकर्षण का केंद्र रही। महिला पहलवान परमजीत का कहना है कि मैं 3 साल से करती हूं जहां पर मुझे बहुत अच्छा लगता है उन्होंने यह भी बताया है कि अगर हम लोग पुरुषों से नहीं लड़ेंगे तो क्या खाली जाएंगे इस बात को लेकर हम आगे बढ़ने को सोचा है।फर्जी खबरों का अब बजेगा बैंड: दुर्गा वाहिनी के सदस्य ने पाकिस्तानी कुस्तीबाज को पीटा: पुराने विडियो द्वारा झूठा दावा
और अपने माता-पिता का नाम रोशन करने के लिए क्योंकि वैसे तो महिलाएं हर जगह दिखती हैं पर दंगल लड़ने में कम नजर आती हैं। इस वजह से हमने चुना कि हम क्यों ना दंगल लड़े क्योंकि हम कौन पुरुषों से कम हैं मैं अपने जब घर में रहती हूं तब लड़की बनकर रहती हूं जब मैं क्षेत्र में निकलती हूं। दंगल लड़ने के लिए हमेशा मैं लड़का ही बनकर रहती हूं मैं कम नहीं हूं किसी लड़के से और लड़कों के साथ मुझे बहुत अच्छा लगता है ।
दंगल खेलने में बहुत दूर-दूर अलग-अलग जगह दंगल के आए हैं लोग कहते हैं कि लड़कियों को गलत समझते हैं तो गलत समझने की जरूरत नहीं है। जब लड़कियां बाहर निकलेंगे तभी आगे आप आएंगे लोगों के तो अलग-अलग बातें होती हैं जो हम लोग नजर अंदाज करते हैं। हरियाणा आंसू रहने वाली महिला पहलवान का कहना है आंसू। काकी एक जो सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है।
इस उद्देश्य को लेकर मैं चलती हूं कहते हैं कि लड़कियों को बाहर नहीं निकलने देते हैं चाहे मैं का हो या ससुराल हो घर में ही घुटन करते हैं। इस बात को लेकर मैं आगे आई हुई हूं पहलवानी क्षेत्र में। कहते हैं कि खानपान का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए जैसे कि पौष्टिक चीजें हर हमेशा खाना चाहिए और सुबह डेट करना चाहिए ताकि पहलवानी कर सकते हैं और जहां जहां से हम हैं वहां से पहले लड़कियां हैं।