छत्तीसगढ़ के कामठी गांव में एक बार फिर धार्मिक विवाद हो गया है। जहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठन और दुर्गा समिति के बीच दुर्गा पंडाल को लेकर ज़ोरदार झड़प हो गई। इसके बाद तनाव बढ़ गया है।
छत्तीसगढ़ में धार्मिक मामला अलग-अलग तरीके से देखने की मिल रहा है और ये बढ़ता ही जा रहा है। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कामठी गांव में नवरात्रि पर्व शुरू होने से पहले ही दुर्गा मूर्ति के पंडाल को लेकर विवाद छिड़ गया
क्या है पूरा मामला
21 सितंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कामठी गांव में गोंडवाना समाज (आदिवासी समाज) और हिंदू संगठन (दुर्गा समिति) के बीच हड़कंप हुआ। जानकारी के अनुसार, नवदुर्गा की तैयारी कर रहे हिंदू संगठन ने कामठी गांव के दुर्गा मंदिर में पंडाल-झंडे लगाए गए थे। गोंडवाना समाज के युवक 21 सितंबर को सुबह पहुंचे और मंदिर में लगा पंडाल – झंडा उखाड़कर फेक दिया गया। मंदिर के गेट में ताला लगा दिया। हिंदू संगठन ने विरोध किया और उसके बाद बवाल शुरू हो गया जिसमें मारपीट भी हुई। मौके पर पहुंचे तहसीलदार और पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति काबू से बाहर हो गई। आक्रोशित महिलाओं ने मंदिर की प्रीकास्ट बाउंड्रीवॉल तोड़ दी। इसी दौरान हंगामे में किसी ने पंडरिया एसडीओपी भूपत सिंह धनेश्री का कॉलर पकड़ लिया। झूमाझटकी के बीच एक गर्भवती महिला आरक्षक का हाथ टूट गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया जिससे कई लोगों को चोटें आई जिससे वह घायल हो गए। ग्रामीणों का आरोप है पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए। वहीं, एसपी ने कहा किसी प्रकार से किसी के साथ मारपीट नहीं किया गया है, माहौल शांत करने के लिए बस शख़्ती बरती गई।
बता दें कवर्धा जिले के इस गांव में मंदिर को लेकर सालों से चल रहा है। पहले से इसे लेकर पटेल समाज और गोड़वाना समाज के बीच अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है। पिछले वर्ष भी दुर्गा प्रतिमा स्थापना करने और नवरात्रि में पूजा-अर्चना करने को लेकर विवाद हुआ था लेकिन पुलिस ने दोनों ही पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया।
लेकिन दोनों ही पक्षों के बीच आक्रोश पनपता रहता है और समय-समय पर तनाव का माहौल बना रहा। दैनिक भास्कर के रिपोर्ट अनुसार गांव के पंच बृजलाल बघेल ने बताया कि यह विवाद नया नहीं है। छठ पूजा के दौरान भी इसी तरह मंदिर का ताला लगाकर माहौल बिगाड़ा गया था। ग्रामीणों की मांग है कि मंदिर परिसर को सुरक्षित करने के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए। दूसरे पक्ष यानी फ़िलहाल गोंडवाना समाज के ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अधिकारियों ने संभाला स्थिति
स्थिति बिगड़ते देख मौके पर कलेक्टर गोपाल वर्मा, एसपी धर्मेंद्र छवाई, एसडीएम और तहसीलदार सहित बड़ी संख्या में जिले के आला अधिकारी पहुंच गए। इसके बाद भारी संख्या पुलिस बल को तैनात किया गया। फिलहाल, गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसके साथ ही प्रशासन ने विवादित धार्मिक स्थल को शासकीय घोषित कर दिया है।
अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं
जानकारी के अनुसार कलेक्टर गोपाल वर्मा ने बताया कि पिछले साल भी यहां दुर्गा स्थापना को लेकर विवाद हुआ था। इस बार भी कुछ लोगों ने विरोध किया था, जिनसे बात की गई है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि परंपरा के अनुसार दुर्गा स्थापना होगी। इसके बाद विवाद शांत हो गया। आगे कहा है कि इसका स्थाई समाधान निकलने के लिए समिति बनाकर रास्ता निकलने को कोशिश कर रहे हैं। दैनिक भास्कर के रिपोर्टिंग अनुसार कवर्धा एसपी धर्मेंद्र सिंह छवाई सिंह ने कहा है कि पूर्व में शांति समिति की बैटक हुई थी जिसमें सभी संगठनों ने सहमति दी थी। दिवार तोड़ने की बात पर विवाद बढ़ा और धक्का मुक्की हुई है। ग्रामीण पुलिस वाले घायल हुए हैं। पूर्व में जो परंपरा थी उसी अनुसार मूर्ति रखने की व्यवस्था बनाई है।
कामठी के शिव मंदिर परिसर में हर साल धार्मिक आयोजन को लेकर विवाद होता रहा है। एक ओर गोंडवाना समर्थक इसे अपनी जमीन बताते हैं। वहीं, हिंदू समाज का कहना है कि वर्षों से यहां धार्मिक आयोजन होते आ रहे हैं। दुर्गा समिति के लोगों का कहना है कि जिस जगह पर पंडाल बनाया जा रहा था, वहां हर साल दुर्गा स्थापना किया जाता है, जिसका गोंडवाना पार्टी के लोगों की ओर से विरोध किया जा रहा था। एसपी धर्मेंद्र सिंह छवई ने हिंदू समाज को आश्वासन दिया कि परंपरा के मुताबिक दुर्गा माता की स्थापना यहीं होगी और किसी को रोकने नहीं दिया जाएगा।
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