सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें एक स्कूल के एक कक्षा में शिक्षक द्वारा बच्चों को धान बिनवाने (धान की सफाई) का काम करवाया जा रहा है।
गर्मी छुट्टी के बाद 16 जून 2025 को छत्तीसगढ़ की सभी सरकारी स्कूल खुल गए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी बच्चों को शुभकामनाएं दी और कहा कि “आप सिर्फ पढ़िए और बाकी की चिंता मुझ पर छोड़ दीजिए” लेकिन सोशल मीडिया में एक स्कूल में शिक्षक द्वारा बच्चों को धान बीनने का काम कराने वाला वीडियो ने यह चिंता और बढ़ा दिया है।
मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा का
दरअसल मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के बम्हनीडीह विकासखंड के सिलादेही सरकारी प्राइमरी स्कूल का है। घटना 14 जुलाई का है जब स्कूल के शिक्षक गोपी कुमार तिवारी ने चौथी और पांचवी कक्षा के बच्चों से अपने निजी काम, धान बिनवाने का काम करवा रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, शिक्षक करीब तीन किलो धान स्कूल लेकर आया और उन्होंने कक्षा के मासूम बच्चों को पढ़ाई छुड़वाकर उसी धान को बिनवाने के काम में लगा दिया। सभी बच्चे डर में शिक्षक के घर से लाए हुए धान को बीनने लगे और साथ में शिक्षक खुद भी धान बीनने लगे।
स्कूल में कुल तीन शिक्षक हैं जिनमें से घटना के समय दो शिक्षक उपस्थित थे जबकि एक शिक्षक अर्जित अवकाश पर था। उसी समय उनका वीडियो बनाए जाने पर उन्होंने तुरंत माफी मांगी लेकिन तब तक वह वीडियो कैमरे के कैद हो चुका था जिसमें साफ दिख रहा है कि बच्चे काम करते दिख रहे हैं।
मामले का खुलासा
मामले का खुलासा तब हुआ जब सोमवार को क्लास चल रही थी तभी जिला पंचायत उपाध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष गगन जयपुरिया सोमवार को स्कूल का औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। जब वह स्कूल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बच्चे क्लास में धान बीन रहे हैं। स्कूल का यह माहोल देखकर सभी हैरान थे। उसके बाद मौके पर ही अभिभावकों को बुलाया गया और बच्चों के सामने शिक्षक के करतूत का पंचनामा तैयार किया गया।
जयपुरिया के निरीक्षण और वायरल वीडियो ने छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं लेकिन बच्चों के परिवारों और स्थानीय लोग सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
शिक्षक के बयान
नवभारत टाइम्स के अनुसार, शिक्षा समिति के अध्यक्ष ने टीचर से पूछा ये धान किसका है तो शिक्षक ने बताया कि ये धान मेरे खेत का है। हालांकि टीचर ने माफी मांगी उन्होंने कहा कि अब वह ऐसा काम नहीं करेंगे। इस मामले की शिकायत जांजगीर-चांपा के शिक्षा अधिकारी से की गई है। मामले की जानकारी देते हुए शिक्षा अधिकारी अश्वनी कुमार भारद्वाज ने कहा कि प्राथमिक शाला शिलादेही में एक टीचर बच्चों से धान बिनवा रहा था। यह बेहद गंभीर मामला है और नियमानुसार टीचर के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
जहां एक ओर प्रशासन “स्कूल चले हम अभियान” चला रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ शिक्षक शिक्षा के आड़ में अपनी स्वार्थ और अपने निजी कामों में लगे हुए हैं। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वही इस तरह की निंदनीय काम को अंजाम दे रहे हैं।
जांजगीर चांपा के एक सरकारी स्कूल में बच्चों से धान बिनवाने का यह मामला नया और एक राज्य का नहीं है। पिछले कुछ समय में देश के अलग – अलग राज्यों से ऐसी खबरें आती रहीं हैं जहां बच्चों को स्कूल में पढ़ाई की जगह झाड़ू लगवाना, स्कूल के रसोई का काम करवाना या फिर स्कूल का शौचालय साफ करवाया गया है। यह सिर्फ बच्चों के साथ अन्याय नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था की नींव को हिला देने वाला अपराध है।
माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल इसलिए भेजते हैं ताकि वे कुछ सीखें एक सुरक्षित माहौल में भविष्य की तैयारी करें लेकिन जब वही स्कूल उनके लिए शोषण का जगह बन जाए तो पूरे समाज को चिंतन करने की जरूरत है। सवाल उठता है कि यह हो क्यों रहा है?
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