पुष्पा छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई शहर की रहने वाली हैं। कल्चर टीम रेला जो नाटक, गीत, कहानियों पर बच्चों के साथ रायगढ़ में काम करती हैं। वह बहुत अच्छा गाती हैं यह गुण उनकी मां से मिला है। जब कल्चर टीम से जुड़ीं और अच्छे तरीके से सीखने को मिल गया। वह गाने खुद लिखती है और उनकी अपनी आवाज से सजाती हैं। कई तरह के गाने गाती हैं जिसमें खासकर जनवादी गाने शामिल होते हैं।
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उनके माता पिता मजदूर हैं। 4 भाई बहनों में से वह सबसे छोटी हैं। उनके पिता गाते तो नहीं थे लेकिन गानों के शौकीन थे लेकिन उनकी मां गाती भी थीं तो यह उनकी ही देन है। ट्यूशन पढ़ाकर वह खुद की पढ़ाई को पूरा कर रही हैं। साथ छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा संगठन से जुड़ी हुई हैं। इसलिए वह बच्चों महिलाओं और मजदूरों के बीच काम करती हैं।
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उनके बाल बहुत सुंदर हैं तो इस सवाल के जवाब में वह हंसते हुए बोलती हैं कि उनके बाल प्रकृति ने बहुत अच्छे दिए हैं। यह नेचुरल हैं। वह आने बचपन का एक किस्सा शेयर करते हुए बोलती हैं कि उनकी मां खींचकर जोर से दो चोटी बांध देतीं थीं कि बाल सीधे हो जाएंगे लेकिन वह सीधे नहीं हुए। एक किस्से बताते हुए बहुत जोर जोर से हंसने लगीं कि उनकी दोस्त ने पूंछा कि ऐसे बाल का राज उनको भी बताओ। उसने चिढाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में एक खाद मिलती है तो उसके लगाने से ऐसे बाल हो जाते हैं।
अब तक में पुष्पा अनगिनत गाने लिख और गया चुकी हैं। उनके साथ उनका एक ग्रुप ही है जो ऐसे गाने लिखते और गाते हैं। सबकी आवाज बहुत ही दमदार है। एक बार सुनने के बाद बार बार गूंजती रहती है।
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