सीपत में स्थित सरकारी NTPC (एनटीपीसी, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम) प्लांट के यूनिट 5 में ऐश टैंक गिर गया। इस हादसे में अब तक 2 मजदूर की मौत हो चुकी है और 5 मजदूर घायल हैं।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सीपत से एक बड़ी घटना सामने आई है। सीपत में स्थित सरकारी NTPC (एनटीपीसी, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम) प्लांट के यूनिट 5 में ऐश टैंक गिर गया। इस हादसे में अब तक 2 मजदूर की मौत हो चुकी है और 5 मजदूर घायल हैं। 60 टन ऐश टैंक के गिरने से यह हादसा हुआ और मज़दूर उस टैंक के चपेट में आ गए। इस हादसे में 60 मजदूरों की फंसे होने की बात कही जा रही है इसमें से अब तक 7 मजदूरों को बाहर निकाला जा चुका है। दरअसल कितने मजदूर प्लांट के अंदर फंसे हैं उसकी स्पष्ट जानकारी पूरी जांच होने के बाद ही पता चल पाएगी। यह हादसा 6 अगस्त 2025 को हुआ। मिली जानकारी के अनुसार कुछ स्थानीय लोगों ने मलबे में और लोगों के दबे होने और मरने की आशंका जताई है। जबकि एनटीपीसी प्रबंधन ने कहा था कि 5 घायल हैं जिसमें एक की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल है।
ऐश टैंक क्या है
ऐश टैंक आमतौर पर किसी औद्योगिक प्रक्रिया में जलने के बाद बचे हुए कोयले या राख को एकत्र करने के लिए उपयोग किए जाने वाला एक टैंक या पात्र होता है। यह कोयला बिजली संयत्रों (कारख़ानों), भट्ठों और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में पाया जाता है जहां बड़ी मात्रा में ईंधन जलाया जाता है।
कैसे हुई समस्या
मीडिया जानकारी के मुताबिक, यह हादसा एनटीपीसी के बॉयलर मेंटेनेंस डिपार्टमेंट में हुआ है जहां एनुअल मेंटेनेंस का कार्य चल रहा था। इस दौरान 60 टन वजनी ऐश टैंक गिरने से मजदूर नीचे दब गए। घटना के तुरंत बाद प्लांट प्रशासन और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची है। राहत और बचाव का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। फिलहाल स्थानीय पुलिस और एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
मुआवजे का आश्वासन
मीडिया रिपोर्ट की जानकारी के अनुसार एनटीपीसी सीपत के जनसंपर्क अधिकारी प्रवीण रंजन भारती ने बताया कि हादसे में घायल सभी मजदूरों का उपचार जारी है। एक घायल श्याम कुमार साहू को सिम्स अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अन्य घायल को अपोलो अस्पताल में रेफर किया गया है। एनटीपीसी प्रबंधन ने इलाज का पूरा खर्च उठाने और मृतक के परिजनों को विधिक मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है।
परिजनों ने किया चक्का जाम
इस दौरान बड़ी संख्या में मजदूरों के परिजन एनटीपीसी प्लांट के बाहर मौजूद थे। परिजनों का कहना था कि कौन-कौन घायल हुए है प्रबंधन कोई जानकारी नहीं दे रहा है। वे गेट के बाहर रोते-बिलखते दिख रहे थे उन्हें भीतर नहीं जाने दिया गया। गुस्साए परिजनों ने सड़क पर चक्काजाम कर दिया। हालात को काबू में रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
इस हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ सप्ताह पहले मुंगेली जिले के सरगांव में एक निर्माणाधीन स्टील प्लांट की चिमनी गिरने से भी कई मजदूरों की जान जा चुकी है। अब एनटीपीसी जैसे देश के बड़े और जिम्मेदार ऊर्जा संस्थान में इस तरह की दुर्घटना होना चिंता का विषय बन गया है। प्रारंभिक तौर पर हादसे की वजह तकनीकी खामी या संरचनात्मक लापरवाही मानी जा रही है। हालांकि अधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। फिलहाल प्लांट में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। बचाव कार्य जारी है अभी तक के जांच के अनुसार इतनी ही जानकारी की पुष्टि हुई है आगे की खबर अपडेट की जाएगी।
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’