छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू होने के बाद ज़मीन की क़ीमतों में भारी बढ़ोत्तरी से आम लोगों और ज़मीन कारोबारियों में नाराज़गी और ग़ुस्सा दोनों फैल गई है। क़ीमतें 5 से 9 गुना तक बढ़ने के चलते कई जिलों में लगातार इसके विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इसी तनाव के बीच छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच ज़बरदस्त भिड़ंत हो गई जिसमें लाठीचार्ज भी की गई। विरोध के बढ़ते हालात को देखते हुए पुलिस ने कई व्यापारियों पर कार्यवाही की है और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
विरोध की वजह क्या है?
व्यापारियों और किसानों का कहना है कि नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू होने के बाद जमीन की कीमतें अचानक 5 से 9 गुना तक बढ़ गई हैं। इसी कारण राज्य के कई जिलों जैसे रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और अंबिकापुर में लगातार विरोध किया जा रहा है।
कारोबारियों का कहना है कि जो जमीन पहले लगभग 10 लाख रुपये में मिल जाती थी उसकी कीमत अब करीब 70 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी। किसान भी परेशान हैं क्योंकि जमीन इतनी महंगी होने से खरीददार समय पर नहीं मिल पा रहे जिससे उनकी बिक्री रुक गई है और लेन-देन पर सीधा असर पड़ रहा है। जमीन कारोबारियों का कहना है कि नई गाइडलाइन को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि जमीन की खरीद-बिक्री ही उनकी मुख्य आमदनी है और इसी पर उनका परिवार चलता है। उनका आरोप है कि पुलिस द्वारा किया गया लाठीचार्ज गलत और अनावश्यक था क्योंकि वे केवल अपनी परेशानी और विरोध दर्ज करा रहे थे।
तीन लोगों की गिरफ़्तारी
प्रदर्शन खत्म होने के बाद पुलिस ने देर रात कार्रवाई की। पुलिस ने पांच व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और आठ अन्य पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू की। अब तक राकेश यादव, अनिल वासनिक और विक्की चंद्राकर नाम के तीन कारोबारियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि पुलिस बाकी लोगों की खोजबीन जारी रखे हुए है।
बिना अनुमती के निकला जुलूस
एनडीटीवी की खबर अनुसार एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति रैली निकाली और पटेल चौक पर चक्का जाम करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कई बार भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन लोग पीछे हटने को तैयार नहीं थे। इसी दौरान भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने पानी के पाउच पुलिस पर फेंक दिए जिससे हालात बेकाबू हो गए और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर सरकारी काम में बाधा डालने और सड़क रोकने जैसे मामलों में एफआईआर दर्ज की है।
स्थिति कैसे बिगड़ी?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ भीड़ को आगे बढ़ने से रोकते समय माहौल तब बिगड़ गया जब कुछ लोगों ने पुलिस पर पानी के पाउच फेंकना शुरू कर दिया। इसके बाद मौके पर धक्का-मुक्की बढ़ गई और स्थिति अचानक तनावपूर्ण हो गई। हालात काबू से बाहर जाते देख पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी चोटिल हुए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा। प्रदर्शनकारियों के अनुसार उनका आरोप है कि पानी पाउच किसी अंजान व्यक्ति ने फेंका जो इस आंदोलन में शामिल नहीं था। उसी के तुरंत बाद पुलिस ने बिना वजह लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया। यह भी बताया गया कि प्रदर्शन की सूचना दो दिन पहले ही दे दी गई थी।
जानकारी के अनुसार शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने बताया है कि जमीन कारोबारियों के प्रतिनिधि उनसे भी मिले थे। उन्होंने कहा कि उनकी सभी मांगें मुख्यमंत्री तक पहुंचा दी गई हैं। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि अगर नई गाइडलाइन में कहीं कोई कमी है या उसमें बदलाव की जरूरत महसूस होती है तो सरकार उस पर फिर से विचार करने के लिए तैयार है।
नई कलेक्टर गाइडलाइन क्या है?
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में कलेक्टर गाइडलाइन को संशोधित किया है। इस बदलाव के बाद जमीन की सरकारी कीमतों में 10 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है। ये नई दरें 20 नवंबर से पूरे प्रदेश में लागू हैं।
अब कोई भी जमीन, प्लॉट या मकान खरीदते समय रजिस्ट्री उसी बढ़ी हुई गाइडलाइन दर पर होगी। इससे स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री का खर्च भी पहले से ज्यादा देना पड़ेगा।
गाइडलाइन की नई कीमतों के चलते प्रदेश में जमीन की खरीद-बिक्री काफी महंगी हो चुकी है।
मामले से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि वे जल्द ही सभी सदस्यों की फिर से बैठक बुलाएंगे ताकि अगली रणनीति तय की जा सके। उनका कहना है कि बैठक में जो भी फैसला लिया जाएगा उसी पर आगे कदम बढ़ाए जाएंगे। व्यापारी अभी भी अपनी मांगों पर डटे हुए हैं और आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज करने की तैयारी कर रहे हैं।
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