छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मुठभेड़ के दौरन 10 नक्सली मारे गए। मुठभेड़ में 1 करोड़ रुपए का ईनामी बड़ा नक्सली कमांडर मॉडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज भी मारा गया है।
12 सितंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मुठभेड़ के दौरन 10 नक्सली मारे गए। मुठभेड़ शोभा थाना और मैनपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों बीच हुआ। हालांकि, अभी मुठभेड़ जारी है।
गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र में एनकाउंटर
रायपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने इस एनकाउंडर की पुष्टि की है लेकिन ज्यादा विस्तार से जानकारी देने से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र में सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई है। इसमें नक्सलियों के बड़े कमांडर भी मारे गए हैं। बताया जाता है कि एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली मनोज मोडेम उर्फ बालकृष्ण उर्फ भास्कर नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर था। वह ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव था। वह ओएससी और सीआरबी का भी सदस्य था।
जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की मिली थी खबर
पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, मैनपुर के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर गरियाबंद ई-30, एसटीएफ और सीआरपीएफ की कोबरा टीम मौके पर पहुंची जहां फोर्स और नक्सलियों के बीच रुक-रुककर मुठभेड़ चलती रही। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद किये गये हैं। इनमें सात आटोमेटिक हथियार शामिल हैं। कई नक्सल सामग्री भी बरामद की गई है।
अन्य नक्सलियों के शव बरामद
थाना मैनपुर के जंगलों में नक्सिलियों की सूचाना के बाद सुरक्षाबलों ने साझा ऑपरेशन चलाया। जिसमें E30, STF और COBRA की टीम शामिल हैं। अब तक 10 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। साथ ही भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। जिसमें ऑटोमेटिक हथियार, गोला-बारूद, एके-47, इंसास, एसएलआर और बड़ी संख्या में विस्फोटक भी मिले हैं।
कौन था मनोज मोडेम उर्फ बालकृष्ण
तेलंगाना के वारंगल जिले के मदीकोंडा गांव में गोंड परिवार में जन्मा मोडेम बालकृष्ण, जिसे बालन्ना या मनोज के नाम से जाना जाता था, युवावस्था में पीपुल्स वार ग्रुप से जुड़कर भूमिगत जीवन में उतर गया। संगठन के भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में विलय के बाद वह लगातार ऊपर बढ़ता गया और केंद्रीय समिति तथा सेंट्रल रीजनल ब्यूरो के साथ ही ओडिशा राज्य कमेटी के प्रभारी तक पहुंचा। बस्तर और आंध्र–ओडिशा सीमा पर उसकी रणनीतिक भूमिका अहम रही। केकेबीएन (कांधमाल-कालाहांडी-बोध-नयागढ़) डिवीजन का प्रभारी रहते हुए उसने सुरक्षा बलों पर कई हमलों की योजना बनाई। संगठन में उसकी पहचान एके-47 से लैस रणनीतिकार की रही। हालांकि बढ़ती उम्र और मधुमेह, स्पांडिलाइटिस व साइटिका जैसी बीमारियों ने उसे कमजोर कर दिया, लेकिन उसका अनुभव और पकड़ माओवादी संगठन की दिशा तय करता रहा।
केकेबीएन (कांधमाल-कालाहांडी-बोध-नयागढ़) डिवीजन का प्रभारी रहते हुए उसने सुरक्षा बलों पर कई हमलों की योजना बनाई। संगठन में उसकी पहचान एके-47 से लैस रणनीतिकार की रही। हालांकि बढ़ती उम्र और मधुमेह, स्पांडिलाइटिस व साइटिका जैसी बीमारियों ने उसे कमजोर कर दिया लेकिन उसका अनुभव और पकड़ माओवादी संगठन की दिशा तय करता रहा।
आईडी ब्लास्ट से दो सीआरपीएफ के जवान घायल
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के ही दंतेवाड़ा जिले मालेवाही थाना क्षेत्र में 12 सितंबर 2025 को नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाकर आईडी ब्लास्ट किया। इस धमाके में दो जवान घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद इलाके में सर्चिंग शुरू कर दी गई। जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ की 195वीं बटालियन के जवान मुख्यालय से सातधार और मालेवाही क्षेत्र में एरिया डोमिनेशन के लिए निकले थे। जब वे सातधार पुल से लगभग आठ सौ मीटर आगे पहुंचे तभी नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईडी के चपेट में आ गए। इस हादसे में इंस्पेक्टर दीवान सिंह गुर्जर और आरक्षक आलम मनेश घायल हुए। दोनों को उनके साथियों ने पास के जिला अस्पताल पहुंचाया। वहीं हालत गंभीर होने पर उन्हें रायपुर एयरलिफ़्ट करने की तैयारी की गई।
2025 में हुए मुठभेड़
अमर उजाला के रिपोर्ट के अनुसार –
– 5 जनवरी 2025 को अबूझमाड़ के जंगल में एक महिला नक्सली समेत पांच नक्सली ढेर।
– 12 जनवरी 2025 को बीजापुर के मद्देड़ इलाके में एनकाउंटर में दो महिला समेत पांच नक्सली मारे गये थे।
– 16 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के पुजारी कांकेर और मारुड़बाका के जंगल में गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें फोर्स ने 18 नक्सलियों को मार गिराया था।
– 21 जनवरी 2025 को गरियांबद जिले में 14 नक्सली मारे गये थे।
– 2 फरवरी 2025 को बीजापुर जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र के तोड़का जंगल में मुठभेड़ में जवानों ने आठ नक्सलियों को मार गिराया था।
– 9 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके में 31 नक्सली ढेर।
– 20 मार्च को बीजापुर में पुलिस नक्सल मुठभेड़ में 26 और कांकेर मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गये हैं। इस तरह 20 मार्च को कुल 30 नक्सली मारे गये।
– कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर 21 दिनों में 31 नक्सलियों को किया ढेर (21 अप्रैल से 11 मई 2025)
– 21 मई 2025 गुरुवार को डेढ़ करोड़ रुपये के देश के सबसे बड़े इनामी खूंखार नक्सली बसवराजू समेत 28 नक्सलियों को मार गिराया गया।
– 26 जुलाई 2025 में बीजापुर में चार नक्सली मारे गये
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