मुठभेड़ दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा पर बसे भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम केशकुतुल के पास हुई जहां डीआरजी, एसटीएफ, सीआरपीएफ और अन्य बलों की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। घने जंगलों में अभी भी तलाशी अभियान जारी है और सुरक्षा बल अंदरूनी इलाकों को घेर
छत्तीसगढ़ के बीजापुर और दंतेवाड़ा बॉर्डर एक बार फिर नक्सली हिंसा की बड़ी घटना का गवाह बना। जंगलों में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान 3 दिसंबर 2025 सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों का आमना-सामना हो गया। सुबह करीब 9 बजे शुरू हुई यह मुठभेड़ पूरे दिन रुक-रुककर चलती रही। इस कड़ी लड़ाई में सुरक्षा बलों ने अब तक 12 नक्सलियों को ढेर किया है जबकि डीआरजी के तीन जवान शहीद हो गए और दो जवान घायल हुए हैं। 4 दिसंबर 2025 सुबह दुबारा शुरू की गई सर्चिंग में और भी नक्सलियों के शव मिलने की पुष्टि हुई है जिससे मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
मुठभेड़ दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा पर बसे भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम केशकुतुल के पास हुई जहां डीआरजी, एसटीएफ, सीआरपीएफ और अन्य बलों की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। घने जंगलों में अभी भी तलाशी अभियान जारी है और सुरक्षा बल अंदरूनी इलाकों को घेरकर जांच कर रहे हैं।
कई हथियार बरामद
4 दिसंबर को सुबह जब जवानों ने फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो मुठभेड़ वाली जगह से तीन और नक्सलियों के शव मिले। इसके साथ ही मारे गए नक्सलियों की कुल संख्या बढ़कर 15 हो गई। मौके से सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में हथियार भी जब्त किए हैं। इनमें एलएमजी मशीन गन, एके-47, एसएलआर, इंसास राइफल, 303 राइफल और अन्य हथियार शामिल हैं। जिन नक्सलियों के शव बरामद किए गए उनमें बीजापुर पश्चिम बस्तर डिवीजन की पीएलजीए कंपनी नंबर 02 का कमांडर भी शामिल है। वह कुख्यात माओवादी मोडियामी वेल्ला था जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। बाकी नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
मारे गए सुरक्षा जवानों के नाम
शहीद हुए तीन जवानों की पहचान प्रधान आरक्षक मोनू वड़ाड़ी,
आरक्षक दुकारु गोड़े
रमेश सोड़ी के रूप में हुई है। वहीं मुठभेड़ में घायल एएसआई जनार्दन कोर्राम और आरक्षक सोमदेव यादव की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। आगे के इलाज के लिए उचित व्यवस्था भी कर दी गई है। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने घटना की जानकारी की पुष्टि की।
एसपी जितेंद्र यादव ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्टिंग के अनुसार बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव के मुताबिक़ इलाके में सर्च अभियान लगातार जारी है। भागे हुए नक्सलियों की तलाश के लिए अतिरिक्त बल भी तैनात कर दिया गया है। जवान जंगल के अंदर तक जाकर छिपे ठिकानों और हथियारों की खोज कर रहे हैं। एसपी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की संख्या आगे और बढ़ सकती है क्योंकि मौके पर खून के निशान मिले हैं जो यह दिखाते हैं कि कुछ नक्सली घायल होकर फरार हुए हैं।
मुठभेड़ की जानकारी मिलते ही गंगालूर और आसपास के गांवों में सुरक्षा को और मजबूत कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान जंगल की तरफ न जाएं। बस्तर क्षेत्र में यह मुठभेड़ इस साल की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक कही जा रही है और इसे नक्सल विरोधी अभियान की बड़ी सफलता माना जा रहा है। सुरक्षाबलों ने साफ कहा है कि जंगल में नक्सलियों की किसी भी गतिविधि का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
तलाशी जारी
घटना के बाद सुरक्षा बल पूरे इलाके में गहराई से तलाशी कर रहे हैं। आसपास के क्षेत्रों में भी सर्च बढ़ा दिया गया है और अतिरिक्त जवानों को मौके पर भेजा गया है। पूरे क्षेत्र को घेरकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन अभी चल रहा है इसलिए जवानों की सुरक्षा को देखते हुए इस समय ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती।
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