Chhattisgarh Coal Mines: 2023 में भारत सरकार द्वारा कोयला खनन के लिए पिछले पांच वर्षों 2017-22 के दौरान जारी किया गया अधिग्रहित भूमि डाटा के अनुसार लगभग 8835 किसानों से 2990.850 ha जमीन खनन के लिए ली गई । जिंदल और अडानी जैसी बड़ी कंपनियों के आने के बाद इस क्षेत्र में उन्होंने लाखों हेक्टेयर जल,जंगल और जमीन पर कब्जा जमा लिया है। तब से लेकर आज तक यहां के सैकड़ों गांव और लाखों ग्रामीण आदिवासी विस्थापन, पुनर्वास, मुआवजा बेरोजगारी, संस्कृति की लूट और प्रदूषण की समस्या झेल रहे हैं। रायगढ़ जिले के तमनार तहसील के अन्तर्गत आने वाला नगरा मुंडा, जहां जिंदल कंपनी की एक बहुत ही बड़ी कोयला खदान है और जहां पर कोल माइनिंग का काम होता है | जिंदल कंपनी ने इस गांव को विकास और पानी के नाम पर गोद लिया था, लेकिन अब इस गांव के विस्थापन की बात चल रही है।
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