खबर लहरिया Blog छत्तीसगढ़: माओवादी आईईडी हमले में 8 सुरक्षाकर्मी व 1 वाहक की हत्या, हमले के पीछे गलती की जताई जा रही आशंका 

छत्तीसगढ़: माओवादी आईईडी हमले में 8 सुरक्षाकर्मी व 1 वाहक की हत्या, हमले के पीछे गलती की जताई जा रही आशंका 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा कि यह घटना तब हुई, जब एक रोड-ओपनिंग पार्टी (ROP) को तैनात किया गया था। स्रोतों ने यह भी बताया कि डीआरजी कर्मी अमूमन पैदल या बाइकों पर यात्रा करते हैं, जिससे इस मामले में मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में उल्लंघन होने का संदेह जताया जा रहा है। 

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सुरक्षाकर्मियों के वाहन की तस्वीर जिस पर आईईडी से हमला कर उनकी हत्या की गई ( फोटो साभार – कंचन/ खबर लहरिया)

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बदेरे कुटरू मार्ग ग्राम अम्बली में माओवादियों ने आईईडी धमाके में लगभग आठ सुरक्षाकर्मियों और एक ड्राइवर की हत्या कर दी। मामला सोमवार 6 जनवरी का है। खबर लहरिया की स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, हमला सुरक्षाकर्मियों की गाड़ी पर किया गया था। डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, कमलोचन कश्यप ने माना कि “कहीं न कहीं, एक गलती हुई है जिसकी वजह से सुरक्षा कर्मियों को लेकर जा रहे वाहन पर हमला हुआ। हम इसकी जांच करेंगे।”

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, सुंदरराज पी. ने कहा, “माओवादियों ने कुटरू-बेदरे रोड पर एक पुलिस वाहन को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से उड़ा दिया।”

ऑपरेशन से लौट रहे थे सुरक्षाकर्मी 

स्रोतों के अनुसार, सुरक्षाकर्मी अबुझमद क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ़ किए गए ऑपरेशन के बाद लौट रहे थे। यह ऑपरेशन शुक्रवार को शुरू हुआ था, और शनिवार को अबुझमद में एक मुठभेड़ हुई, जिसमें पांच माओवादी और एक जिला रिजर्व गार्ड (DRG) जवान मारे गए थे।

आईईडी ब्लास्ट में मारे गए लोगों की जानकारी 

सोमवार को आईईडी ब्लास्ट में मारे गए लोगों में बस्तर फाइटर्स,डीआरजी और एक वाहन चालक थे। बस्तर फाइटर्स – हरीश कोर्राम, सोमडू वेट्टी, सुदर्शन वेट्टी, सुबरनाथ यादव। 

डीआरजी – बुधराम, डुम्मा मरकाम,पुण्डरू राम पोयाय,बामन सोढ़ी 

वाहन चालक – तुलेश्वर राना 

जानकारी के अनुसार, जिला रिजर्व गार्ड (डीआईजी) और बस्तर फाइटर्स छत्तीसगढ़ के सुरक्षा बल हैं, जो मुख्य रूप से लेफ्ट विचारधारा के उग्रवाद का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ये बल दूर-दराज़ गांवों के युवाओं से मिलकर बनाए गए हैं।

आईईडी विस्फोट व उसका असर 

अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को तकरीबन 2:15 बजे कुटरू-बेदरे रोड पर, जोकि अंबेली गांव के पास है, वहां से सुरक्षाकर्मी 12 वाहनों में यात्रा कर रहे थे। उसी समय माओवादियों ने एक आईईडी से हमला किया, जिससे एक वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।

स्त्रोत बताते हैं कि एक निजी एसयूवी को किराए पर लिया गया था। विस्फोट का असर इतना ताकतवर था कि वाहन के कुछ हिस्से विस्फ़ोट की जगह से कहीं ज़्यादा दूर जाकर गिरे। विस्फ़ोट से सड़क पर गहरा गड्ढा बन गया। बताया गया,गड्ढा 25-30 फीट चौड़ा और 10 फीट गहरा था।

आईईडी विस्फोट के पीछे गलती की आशंका 

डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, कमलोचन कश्यप ने बताया, “हमें शक है कि 60-70 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल किया गया है। फॉरेंसिक विशेषज्ञ इस बारे में और जानकारी देंगे। तार के ऊपर हरे घास थे और तार भी पुराना था जिसका इस्तेमाल ब्लास्ट के लिए किया गया। इससे यह पता चलता है कि यह बहुत पुराना आईईडी है। सड़क कंक्रीट और बिटुमिन से बनी हुई है।”

एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा कि यह घटना तब हुई, जब एक रोड-ओपनिंग पार्टी (ROP) को तैनात किया गया था। आरओपी का मतलब है कि सुरक्षाकर्मी जंगलों में सड़कों के किनारे की जांच करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां माओवादी छिपे हुए न हों, इसके बाद ही वाहनों को उस सड़क पर भेजा जाता है।

स्रोतों ने यह भी बताया कि डीआरजी कर्मी अमूमन पैदल या बाइकों पर यात्रा करते हैं, जिससे इस मामले में मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में उल्लंघन होने का संदेह जताया जा रहा है। 

आईईडी विस्फोट को लेकर छत्तीसगढ़ सीएम

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विस्फोट की कड़ी निंदा की और कार्यवाही का आश्वासन दिया। 


2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प – गृह मंत्री 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना को लेकर X पर कहा, “बीजापुर (छत्तीसगढ़) में IED ब्लास्ट में DRG के जवानों को खोने की सूचना से अत्यंत दु:खी हूँ। वीर जवानों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। इस दुःख को शब्दों में व्यक्त कर पाना असंभव है, लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूँ कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे।”

बता दें, अप्रैल 2023 में, 10 डीआरजी कर्मी दंतेवाड़ा के अरनपुर में एक ऑपरेशन से लौटते समय मारे गए थे। उस हमले के बाद, एक फैसला लिया गया था कि बड़े वाहनों का इस्तेमाल करने से बचा जाए और इसकी जगह मोटरसाइकिल का उपयोग किया जाए ताकि बड़े नुकसान से बचा जा सके।

नक्सलवादियों द्वारा किये गए इस विस्फोट में अधिकारियों की तरफ से सुरक्षा को लेकर गैप व कई तरह की आशंकाएं सामने आई हैं जिसे लेकर रिपोर्ट में जगह-जगह इस बात का ज़िक्र भी किया गया है। 

 

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